मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Wednesday, 18 May 2022
तुमसे प्रेम करते हुए...(३)
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सिलवट भरे पन्नों पर जो गीली-सी लिखावट है, मन की स्याही से टपकते, ज़ज़्बात की मिलावट है। पलकें टाँक रखी हैं तुमने भी तो,देहरी पर, ख़ामोशियों की ...
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Sunday, 15 May 2022
शब्द प्रभाव
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चित्र:मनस्वी खौलते शब्दों के छींटे देह पर गिरते ही भाप बनकर मन में समा जाते हैं... असहनीय वेदना से छटपटाता,व्याकुल भीतर ही भीतर सीझता मन मर...
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Thursday, 12 May 2022
राजनीति ... कठपुतलियाँ
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वंश,कुल,नाम,जाति,धर्म, संप्रदाय भाषा,समाज,देश के सूक्ष्म रंध्रों से रिसती सारी रोशनियों को दिग्भ्रमित बंद कर दिया गया राजनीति की अंधेरी गुफ...
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Sunday, 1 May 2022
मजदूर दिवस
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चित्र: मनस्वी प्राजंल सभ्यताओं की नींव के आधार इतिहास के अज्ञात शिल्पकार, चलो उनके लिए गीत गुनगुनाये मजदूर दिवस सम्मान से मनाये। पसीने से व...
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Friday, 22 April 2022
पृथ्वी का दुःख
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वृक्ष की फुनगी से टुकुर-टुकुर पृथ्वी निहारती चिड़िया चिंतित है कटे वृक्षों के लिए...। धूप से बदरंग बाग में बेचैन,उदास तितली चितिंत है फू...
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Saturday, 9 April 2022
गीत अधूरा प्रेम का
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गीत अधूरा प्रेम का, रह-रहकर मैं जाप रही हूँ। व्याकुल नन्ही चिड़िया-सी एक ही राग आलाप रही हूँ। मौसम बासंती स्वप्नों का क्षणभर ठहरा, पाँखें मन...
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Thursday, 24 March 2022
अल्पसंख्यक
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विश्व के इतिहास में दर्ज़ अनगिनत सभ्यताओं में भीड़ की धक्का-मुक्की से अलग होकर अपनी नागरिकता की फटी प्रतियाँ लिए देशों,महादेशों, समय के मध्यां...
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Thursday, 17 March 2022
रंग
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भोर का रंग सुनहरा, साँझ का रंग रतनारी, रात का रंग जामुनी लगता है...। हया का रंग गुलाबी, प्रेम का रंग लाल, हँसी का रंग हरा लगता है...। कल्प...
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