No posts with label मरते सपने....अतुकांत कविता. Show all posts
No posts with label मरते सपने....अतुकांत कविता. Show all posts

मैं से मोक्ष...बुद्ध

मैं  नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता  मेरा हृदयपरिवर...