Sunday 18 July 2021

नन्ही बुलबुल


कच्ची उमर के पकते सपने
महक जाफ़रानी घोल रही है। 
घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
हौले-हौले पर खोल रही है।

मुस्कान,हँसी,चुहलबाज़ी
मासूम खेल की अनगिनी बाज़ी
स्मृतियों की गुल्लक में
उम्र रेज़गारी जोड़ रही है।

घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
हौले-हौले पर खोल रही है।

क़लम,कॉपी किताब की दुनिया
बाँध कलाई से समय की पुड़िया,
विस्तृत प्रागंण में नभ के
 स्वप्नों की डिबिया टटोल रही है।

घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
हौले-हौले पर खोल रही है।

 बादल,बारिश,जंगल,जुगनू
 सूरज,चंदा,तारों के घुँघरू,
मीन नयन की टोह लिए
नौका लहरों पर डोल रही है।

चटक-चटक आकाश झरे,
दिग्दिगंत अचरज से भरे,
कैनवास पर उड़ती तितली
रहस्य नक्षत्र के बोल रही है।

घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
हौले-हौले पर खोल रही है।

---------$$-------

#श्वेता सिन्हा
१८ जुलाई २०२१



 

58 comments:

  1. कच्ची उमर के पकते सपने
    महक जाफ़रानी घोल रही है।
    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।/////
    वाह! वाह प्रिय श्वेता! वात्सल्य भाव रस पगी मधुर भावाभिव्यक्ति! जन्म दिन पर एक मां का इससे बढ़कर कोई उपहार क्या होगा? तुम्हारे आंगन की ये बुलबुल सदैव यूं ही चहकती हुई ,सपनों के नभ को छूने के लिए ऊंची से ऊंची उड़ान भरती रहे --यही कामना और दुआ है। प्रिय गुडडू को ढेरों प्यार और आशीर्वाद। वो यशस्वी और चिरंजीवी रहे और जीवन की दौड़ में सदा आगे रहे। तुम्हें भी हार्दिक बधाई बिटिया केजन्म दिन की। सस्नेह

    🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂
    🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊
    🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
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    🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈
    ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
    💐💐💐💐💐💐💐
    😀❣️🎈🌷💐🎈😂

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    1. आपके अमूल्य स्नेह के लिए क्या कहूँ दी।
      सस्नेह शुक्रिया।
      सादर।

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  2. मनस्वी को ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद ।
    माँ के उद्द्गार और यूँ बुलबुल के पंखों का खुलना कितना सुकून देने वाला होता है लेकिन थोड़ा सा माँ की चिंता को कहीं न कहीं बढ़ा भी देता है । बेटियाँ चिड़िया ही होती हैं बस उनको एक खुला आसमान उड़ान के लिए मिले तो न जाने कितनी दूरी नाप आती हैं ।खूब यशस्वी बने ।हर इच्छा पूर्ण हो यही दुआएँ हैं । 🎂🍩🍪🌮🍕🍟
    🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
    ,🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

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    1. आपका साथ और प्रेरणा बेशकीमती है दी।
      स्नेह बना रहे।

      सस्नेह शुक्रिया।
      सादर।

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  3. कल पाँच लिंक के आनंद पर ये रचना है ।लिंक अपने आप खोज लेना । बस सूचित कर दिया है ।

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    1. आपका आशीष है।
      सस्नेह शुक्रिया दी।

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  4. बिटुआ को जन्मदिन की शुभकामनाएं
    खूब पढ़ें, खेलें
    स्वयं और परिवार को स्वस्थ रक्खें
    सादर..

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    Replies
    1. बहुत बहुत आभार दी।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  5. अपना आसमां टटोल रही है...

    वाह, अत्यन्त प्रभावी पंक्तियाँ..

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    Replies
    1. आभारी हूँ आदरणीय सर।
      प्रणाम
      सादर।

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  6. Replies
    1. आभारी हूँ आदरणीय सर।
      प्रणाम
      सादर।

      Delete
  7. बहुत खूबसूरत रचना - बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभारी हूँ वंदना जी।
      सस्नेह शुक्रिया
      सादर

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  8. कच्ची उमर के पकते सपने
    महक जाफ़रानी घोल रही है।
    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।
    नन्ही बुलबुल को ढ़ेर सा प्यार और आशीर्वाद 🥰😍🎂🍫

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    Replies
    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ उषा जी।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  9. काल सीमा यह लांघेगी।
    निस्सीम व्योम को बांधेगी।
    मुस्कान में मनस्वी यह मीठी,
    कुछ भेद-सा प्रांजल बोल रही है।
    बाबुल की यह चुलबुल बुलबुल,
    हौले हौले पर खोल रही है।.... अशेष शुभकामनायें!!🌹

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    1. आपका बहुमूल्य आशीष मिला
      अत्यंत आभारी हूँ।
      बहुत सुंदर स्नेहभरी पंक्तियाँ रची है आपने।
      प्रणाम विश्वमोहन जी
      सादर।

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  10. प्रांजल बिटुवा को जन्म दिवस पर शुभाशीष।

    प्रांजल मनस्वी बुलबुल प्यारी,
    हिय कैनवास चित्रिका न्यारी।

    नव बसंत पंखों में भरकर
    आसमान तक डोल रही है ।
    मंजू मंदाकिनी हाथों थामे,
    झिलमिल तारे तोल रही है ।
    मासूम चिरैया नभ में उड़ती
    महकी है ज्यों केसर क्यारी।।

    प्रांजल मनस्वी बुलबुल प्यारी,
    हिय कैनवास चित्रिका न्यारी।

    वन उपवन की तितली मोहक
    मीन नयनी क्षीर नीर की ।
    खुशियाँ भर झोली में देखो
    औषध बन के सभी पीर की ।
    रजत चाँद सी नभ में चमकी
    माँ बाबा को है सुखकारी।।

    प्रांजल मनस्वी बुलबुल प्यारी,
    हिय कैनवास चित्रिका न्यारी।

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    1. दी आपकी इस भावपूर्ण शब्दोपहार के लिए क्या लिखूँ समझ नहीं आ रहा।
      आपका स्नेह और आशीष सदैव मिलता रहा है।
      मन से बहुत बहुत आभार।
      सस्नेह शुक्रिया दी।

      प्रणाम
      सादर।

      Delete
  11. मुस्कान,हँसी,चुहलबाज़ी
    मासूम खेल की अनगिनी बाज़ी
    स्मृतियों की गुल्लक में
    उम्र रेज़गारी जोड़ रही है।

    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।

    प्रिय मनस्वी के जन्मदिन पर इतनी प्यारी रचना!!!
    अपना आसमां टटोल रही है...अद्भुत!!!
    बिटिया को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई एवं ढ़ेर सारा आशीर्वाद व प्यार । आपको भी बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।



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    1. प्रिय सुधा जी आपका बहुत बहुत आभार।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  12. चटक-चटक आकाश झरे,
    दिग्दिगंत अचरज से भरे,
    कैनवास पर उड़ती तितली
    रहस्य नक्षत्र के बोल रही है।

    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।

    बहुत सुन्दर रचना

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    Replies
    1. बहुत आभारी हूँ मनोज जी।
      सादर।

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  13. बिटिया रानी के लिए हर हृदय के उद्गार का कितना मधुरतम स्वर ... हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई ।

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    1. प्रिय अमृता जी बहुत बहुत आभारी हूँ
      सस्नेह शुक्रिया।

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  14. क़लम,कॉपी किताब की दुनिया
    बाँध कलाई से समय की पुड़िया,
    विस्तृत प्रागंण में नभ के
    स्वप्नों की डिबिया टटोल रही है।

    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।

    और एक दिन माता की आँचल से निकल नील गगन पर छा जाएगी ये बुलबुल।
    प्यारी बुलबुल को जन्म दिन की असंख्य शुभकामनायें,परमात्मा उसे उसके हिस्से का खुला आकाश दे।
    आपको भी बेटी के जन्म दिवस की बहुत बहुत बधाई श्वेता जी।

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    Replies
    1. आपके स्नेहिल शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत आभारी हूँ प्रिय कामिनी जी।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  15. प्रिय श्वेता, जितनी प्यारी प्रांजल बिटिया है उतनी ही प्यारी आपकी यह कविता। एक माँ के हृदय से निकले आशीर्वचनों का यह मधुर प्रवाह हर बेटी की माँ के हृदय को अपना सा ही लगेगा। अनंत दुआएँ और प्यार प्रांजल बेटी के लिए।
    क़लम,कॉपी किताब की दुनिया
    बाँध कलाई से समय की पुड़िया,
    विस्तृत प्रागंण में नभ के
    स्वप्नों की डिबिया टटोल रही है।

    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।

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    1. प्रिय दी,
      आपका स्नेह उपहार मिला अत्यंत प्रसन्नता हुई।
      स्नेह बना रहे।
      बहुत-बहुत आभारी हूँ दी।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  16. कच्ची उमर के पकते सपने
    महक जाफ़रानी घोल रही है।
    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है। - उम्दा रचना

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    1. प्रणाम सर,
      आपका आशीष का उपहार पाकर अभिभूत हूँ।
      सादर।

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  17. आदरणीया मैम, ममत्व- भाव से भरी अत्यंत सुंदर , प्यारी सी रचना । आपकी लिखी यह कविता रचना नहीं, मनस्वी के लिए आपका अनमोल आशीष और स्नेह है जो उसके जीवन की अमूल्य पूँजी है । पिछले साल इसी दिन आपकी कविता "तुम्हारे जन्मदिन पर" पढ़ी थी। आपकी दोनों ही रचनाएं अत्यंत मधुर हैं और एवर-ग्रीन रचनाएं हैं जिसे कितनी ही पीढ़ियाँ बीतने के बाद भी हर माँ और हर बेटी अपने आप को इन कविताओं में ढूँढ ही लेगी, जैसे आज नानी, माँ और मैं ढूँढ लेते हैं ।
    मनस्वी को जन्मदिन पर बहुत सारा प्यार और शुभ-कामनायें, नानी और माँ भी अपना आशीष भेज रहीं हैं ।
    हृदय से आभार इस सुंदर रचना के लिए व आपको प्रणाम ।

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    1. प्रिय अनंता,
      तुम्हारी यह स्नेह से भीगी शुभकामनाएं बहुत प्रिय है।
      माँ और नानी को प्रणाम।
      तुम्हें बहुत सारा प्यार और आशीष।
      सदा खुश रहो।

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  18. बहुत प्यारी रचना... बिटिया को बहुत आशीष!

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    1. आभारी हूँ प्रिय वाणी जी
      आपका आशीष मिला।
      सस्नेह शुक्रिया
      सादर।

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  19. बालपन का बहुत ही सुंदर और सूक्ष्म विश्लेषण

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    Replies
    1. आभारी हूँ आदरणीय सर।
      प्रणाम
      सादर।

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  20. वात्सल्य और ममता के सुंदर भावों से सजी सुंदर कृति, प्रिय मनस्वी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं एवम ढेरों स्नेहाशीष । आपको भी बहुत बहुत बधाई ।

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    Replies
    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ प्रिय जिज्ञासा जी।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  21. नन्ही बुलबुल को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। माँ की ममता से परिपूर्ण बहुत ही सुंदर रचना, श्वेता दी। तुम्हारे आंगन की ये बुलबुल सदैव यूं ही चहकती हुई,सपनों के नभ को छूने के लिए ऊंची से ऊंची उड़ान भरती रहे --यही शुभकामनाएं।

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    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ आदरणीया ज्योति जी।

      प्रणाम
      सादर।

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  22. कच्ची उमर के पकते सपने
    महक जाफ़रानी घोल रही है।
    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।आपके आँगन की नन्ही बुलबुल सदैव खुशियों के शिखर छुए और चहकती रहे। बिटिया को ढेर सारा आशीर्वाद। बेहद खूबसूरत रचना। बिटिया को जन्मदिवस की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

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    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ प्रिय अनुराधा जी।
      सस्नेह शुक्रिया।

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  23. बिटिया के जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएँ।
    सादर

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    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ प्रिय अनु।

      सस्नेह शुक्रिया।

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  24. कच्ची उमर के पकते सपने
    महक जाफ़रानी घोल रही है।
    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।
    Very beautiful poem.
    Wish you many many happy birthday return of the day cutie 🎂🎂🎂😍😍

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    1. बहुत बहुत आभारी हूँ प्रिय मनीषा
      सस्नेह शुक्रिया।

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  25. कच्ची उमर के पकते सपने
    महक जाफ़रानी घोल रही है।
    घर-आँगन की नन्ही बुलबुल
    हौले-हौले पर खोल रही है।

    मुस्कान,हँसी,चुहलबाज़ी
    मासूम खेल की अनगिनी बाज़ी
    स्मृतियों की गुल्लक में
    उम्र रेज़गारी जोड़ रही है।

    बहुत ही प्यारी रचना
    बिटिया को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाइयां और शुभकामनाएं

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    1. बहुत बहुत आभारी हूँ राजपुरोहित जी।
      प्रणाम
      सादर।

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  26. मनस्वी बिटिया को ढेरसारा स्नेह आशीष
    *******
    आपके लिखे गीत ने यह साबित कर दिया कि
    वाकई बेटी जीवन का सृजन होती है.
    भावपूर्ण और मन को छूता कमाल का गीत
    गीत
    बहुत बधाई

    आपने अपने गीत में

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    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ आदरणीय सर।

      प्रणाम
      सादर।

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  27. वात्सल्य भाव से परिपूर्ण सुन्दर सृजन । हार्दिक शुभकामनाएं ।

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    Replies
    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ दी
      प्रणाम
      सादर।

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  28. बच्ची को ढेरों शुभकामनाये और आशीर्वाद। वात्सल्य रस से परिपूर्ण सृजन के लिए आपको ढेरों शुभकामनायें।

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    1. बहुत-बहुत आभारी हूँ आदरणीय वीरेंद्र जी।

      प्रणाम
      सादर।

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  29. बहुत-बहुत आभारी हूँ प्रिय कामिनी जी।
    सस्नेह शुक्रिया।

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  30. बेटियों के बड़े होने का बहुत जीवंत चित्रण!

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

मैं से मोक्ष...बुद्ध

मैं  नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता  मेरा हृदयपरिवर...