No posts with label स्त्रियों ने जिलाए रखा है...स्त्री विमर्श# छंदमुक्त कविता. Show all posts
No posts with label स्त्रियों ने जिलाए रखा है...स्त्री विमर्श# छंदमुक्त कविता. Show all posts

मैं से मोक्ष...बुद्ध

मैं  नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता  मेरा हृदयपरिवर...