कडी़ निंदा करने का अच्छा दस्तूर हो गया
कब समझोगे फिर से बेटा माँ से दूर हो गया
रोती बेवाओं का दर्द कोई न जान पाया
और वो पत्थरबाज देश में मशहूर हो गया
कागज़ पर बयानबाजी अब बंद भी करो तुम
माँगे है इंसाफ क्या वीरों का खूं फिजूल हो गया
सह रहे हो मुट्ठीभर भेड़ियों की मनमानी को
शेर ए हिंदुस्तान इतना कबसे मजबूर हो गया
दंड दो प्रतिशोध लो एक निर्णय तो अब कठोर लो
हुक्मरानों की नीति का हरजाना तो भरपूर हो गया
उपचार तो करना होगा इस दर्द बेहिसाब का
सीमा का जख्म पककर अब नासूर हो गया
#श्वेता🍁
कब समझोगे फिर से बेटा माँ से दूर हो गया
रोती बेवाओं का दर्द कोई न जान पाया
और वो पत्थरबाज देश में मशहूर हो गया
कागज़ पर बयानबाजी अब बंद भी करो तुम
माँगे है इंसाफ क्या वीरों का खूं फिजूल हो गया
सह रहे हो मुट्ठीभर भेड़ियों की मनमानी को
शेर ए हिंदुस्तान इतना कबसे मजबूर हो गया
दंड दो प्रतिशोध लो एक निर्णय तो अब कठोर लो
हुक्मरानों की नीति का हरजाना तो भरपूर हो गया
उपचार तो करना होगा इस दर्द बेहिसाब का
सीमा का जख्म पककर अब नासूर हो गया
#श्वेता🍁