वे पूछते हैं बात-बात पर
क्या आपके खून में
देशभक्ति का नमक है?
प्रमाण दीजिए, मात्रा बताइये
नमक का अनुपात कितना है?
एकदम ठंडा है जनाब
खौलता क्यों नहीं कहिये न
आपके रक्त का ताप कितना है?
बारूद की गंध सूँघाते हैं
करते तोप और टैंकों की गणना
सैन्य क्षमता का आकलन
सनसनी रचते समाचारों की,
जादुई पिटारे से निकालकर
युद्ध का जिन्न दिखा-दिखाकर पूछते हैं
आपमें साहस का नाप कितना है?
विदेशी मसालों के तड़के से
देशी खिचड़ी में स्वाद का प्रयास
तू-तू,मैं-मैं उठा-पटक
कयास अतिशयोक्ति,विश्लेषण
बेमतलब बहसों का अतिशय शोर
दलों के समर्थन या विरोध से ही
बेझिझक झट से बतला देते हैं
आपके देशभक्ति का माप कितना है...!!
देश के जिम्मेदार ख़बरनवीस
वकील संवेदनशील मुकदमों के
स्वयं ही महामहिम न्यायाधीश
तत्ववेत्ता, गड़े मुर्दों के विशेषज्ञ
जीवित मुद्दों के असली मर्मज्ञ
सर्वगुणसम्पन्न पूजनीय सर्वज्ञ
प्रश्नों के लच्छे में उलझाने वालों
मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
दाब कितना है?
©श्वेता सिन्हा
२जुलाई २०२०
प्रश्नों के लच्छे में उलझाने वालों
ReplyDeleteमेरा भी है आपसे एक प्रश्न
आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
दाब कितना है?
बहुत ही सटीक प्रश्न किया है आपनेइन गड़े मुर्दों के विशेषज्ञों से.....
वाह!!!!!
हमेशा की तरह बहुत ही लाजवाब सृजन।
मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
ReplyDeleteआपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
दाब कितना है?
–जबाब मिले तो बतलाना
सर्वगुणसम्पन्न पूजनीय सर्वज्ञ
ReplyDeleteप्रश्नों के लच्छे में उलझाने वालों
मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
दाब कितना है?
बहुत सटिक सवाल,श्वेता दी।
अत्यंत सटीक व हास्यास्पद कविता मैम। हमारे देश के इन भृष्ट ठेकेदारों पर एक बहुत ही कठोर वार है। आपकी यह कविता पढ़ कर बहुत प्रेरणा मिली।
ReplyDeleteहास्यास्पद ! किस दृष्टि से
Deleteनमक का अनुपात कितना है? बहुत ही सटीक व्यंग और हंसी तो आयी ही। उन धोकेबाज़ गड़े मुर्दों के मर्मग्य और हमारी देश की गैर जिम्मेदार मीडिया जो हर चीज़ को एक सनसनीख़ेज़ समाचार में बदल देती है, उनका मिख सामने आ गया।
Deleteव्यंग्यात्मक! 😀
Deleteसोचने को मजबूर करती रचना।
ReplyDeleteखबर लेती पोस्ट !
ReplyDeleteबेहद सशक्त और सटीक लेखन के साथ विचारणीय अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteसटीक प्रश्न लिए सार्थक प्रस्तुति प्रिय श्वेता। ये समसामयिक चिंतन जरूरी है। ब्लॉग बहुत प्यारा लग रहा है। नया रूप एकदम आकर्षक लग रहा है। 👌👌👌👌सस्नेह शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया। आपने भीड़ से हटकर सार्थक विषय पर अपना विचार रखा है। विचारनीय।
ReplyDeleteमैँ चाहूँगा यह सभी तक पहुँचे। साझा अवश्य करूँगा।
आ श्वेता जी, इस कविता में आप नए तेवर में दिख रही हैं। देशभक्ति के नाप पर कोई तो प्रश्न करे। आंजादी के समय आजादी के जुनून पर कोई प्रश्न नहीं होता था।
ReplyDeleteआपने हिम्मत दिखाई या पूछने की कि
"आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
दाब कितना है?"--ब्रजेन्द्रनाथ
बहुत ही सटीक प्रश्न किया है आपने.....
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति
शुभकामनायें।
वाह!श्वेता ..बहुत सुंदर व सटीक । इस प्रश्न का सही जवाब इनमें से कोई भी क्या दे सकता है ...।
ReplyDeleteबहुत सटीक प्रश्न जिनका उत्तर हो कर भी कहीं नही ...,बेहतरीन व लाजवाब सृजन ।
ReplyDeletehttps://khooshiya.blogspot.com/2020/11/blog-post_12.html
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