चित्र:साभार सुबोध सर की वॉल से
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सरल अनुभूति के जटिल अर्थ,
भाव खदबदाहट, झुलसाते भाप।
जग के मायावी वीथियों में गूँजित
चीन्हे-अनचीन्हे असंख्य पदचाप।
तम की गहनता पर खिलखिलाते,
तप तारों का,भोर के लिए मंत्रजाप।
मूक परिवर्तन अविराम,क्षण-प्रतिक्षण,
गतिमान काल का निस्पृह पदचाप
ज्ञान-अज्ञान,जड़-चेतन के गूढ़ प्रश्न,
ब्रह्मांड में स्पंदित नैसर्गिक आलाप।
निर्माण के संग विनाश का शाप,
जीवन लाती है मृत्यु की पदचाप।
सृष्टि के कण-कण की चित्रकारी,
धरा-प्रकृति , ब्रह्म जीव की छाप।
हे कवि!तुम प्रतीक हो उजास की,
लिखो निराशा में आशा की पदचाप।
#श्वेता सिन्हा
०९/०२/२०२०
०९/०२/२०२०
हे कवि!तुम प्रतीक हो उजास की,
ReplyDeleteलिखो निराशा में आशा की पदचाप।
सुंदर पंक्तियाँ आदरणीया.... हार्दिक शुभकामनाएं ।
वाह श्वेता !पन्त जी की अगर कोई बिटिया होती तो वो बिल्कुल तुम्हारी जैसी होती !
ReplyDelete.. वाह दी कितना खूबसूरत लिखा है कितनी अच्छी शब्दावली का प्रयोग किया है आप बहुत बड़ी कवियत्री बन गई हो , हर बंद में कितनी गहराई है ऐसा उत्तम सृजन कवि के कोमल मन की पहचान बन जाती है ।आपको बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteज्ञान-अज्ञान,जड़-चेतन के गूढ़ प्रश्न,
ReplyDeleteब्रह्मांड में स्पंदित नैसर्गिक आलाप।
निर्माण के संग विनाश का शाप,
जीवन लाती है मृत्यु की पदचाप
बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति श्वेता जी ,लाज़बाब सृजन ,सादर नमन
बहुत ही सार्थक और सुंदर सृजन पदचाप सिर्फ पांवों की कंहा होती है होती है हर शै में हर कलाप में बस दिखती क्रिया की प्रतिक्रिया में ।
ReplyDeleteआपने पदचाप पर बहुत ही विस्तृत दृष्टिकोण अंकित किया है श्वेता सुंदर अभिनव रचना।
सृष्टि के कण-कण की चित्रकारी,
ReplyDeleteधरा-प्रकृति , ब्रह्म जीव की छाप।
हे कवि!तुम प्रतीक हो उजास की,
लिखो निराशा में आशा की पदचाप
–भाव विह्वल हूँ
हे कवि!तुम प्रतीक हो उजास की,
ReplyDeleteलिखो निराशा में आशा की पदचाप।
वाह!!!!!
आशा की पदचाप लिखो जो निराशा के तम को चीरकर मृतप्रायः जीवन में उमंग भर दे
बहुत ही लाजवाब सृजन हमेशा की तरह....
हमेशा की तरह बहुत ही उत्कृष्ट सृजन, श्वेता दी।
ReplyDeleteहे कवि!तुम प्रतीक हो उजास की,
ReplyDeleteलिखो निराशा में आशा की पदचाप।
अप्रतिम सृजन अनुजा ...
बहुत खूब प्रिय श्वेता! एक कवि का आशा और उजास भरा सृजन जीवन में खुशियों के अनगिन रंग भरता है। हमेशा की तरह सुंदर, सार्थक और मानवमात्र के लिए कल्याणकारी भावों से भरी रचना। एक लयबद्ध गीत का इंतजार है। सस्नेह शुभकामनायें ।
ReplyDeleteसुंदर रचना।
ReplyDeleteभावों से लदी रचना।
अपने मन की लिखो। मात्र लिखने के लिए ना लिखो।
अपनी लय भी भूल जाना गुनहा है।
शुभकामनाएं।
☺️