तोड़कर धागा चाँदनी के
टूटे ख्वाबों को सी लूँ
भरकर चाँद का एक कोना
दर्द सारे आँखों से पी लूँ
सर्द हवाएँ जो तुमको छू आयी
आगोश भर एहसास जी लूँ
बिखरे पलकों से मोतियों की लड़ी
स्याह दामन में सितारे पिरो लूँ
जुगनू के परों पर बाँध ख्वाहिशें
रात का आँचल रंगी कर दूँ
#श्वेता🍁