ख्वाहिशों में लिपटी
खूबसूरत भोर में,
उम्मीद के पतीले में
सपनों का पानी भरा
चंद चुटकी पत्तियाँ
कर्मों की डालकर
मेहनत के शक्कर
सच्चाई की दूध और
रिश्तों के मसाले मिला
प्रेम के ढक्कन लगाकर
ज़िदगी के चूल्हें पर रखी है,
वक्त की धीमी आँच पर
पककर जब तैयार हो जाए
फिर चखकर बताना
कैसी लगी अनोखे स्वाद
से भरी हसरतों की चाय
#श्वेता🍁
खूबसूरत भोर में,
उम्मीद के पतीले में
सपनों का पानी भरा
चंद चुटकी पत्तियाँ
कर्मों की डालकर
मेहनत के शक्कर
सच्चाई की दूध और
रिश्तों के मसाले मिला
प्रेम के ढक्कन लगाकर
ज़िदगी के चूल्हें पर रखी है,
वक्त की धीमी आँच पर
पककर जब तैयार हो जाए
फिर चखकर बताना
कैसी लगी अनोखे स्वाद
से भरी हसरतों की चाय
#श्वेता🍁