Wednesday 26 July 2017

क्षणिकाएँ


प्यास

नहीं मिटती
बारिश में गाँव के गाँव
बह रहे
तड़प रहे लोग दो बूँद
पानी के लिए।
★★★★★★★★★★★
सूखा

कहाँ शहर भर गया
लबालब
पेट जल रहे है झोपड़ी में
आँत सिकुड़ गये
गीली जीभ फेर कर
पपड़ी होठों की तर कर रहे है।
★★★★★★★★★★★★
सपने

रतजगे करते है
सीले बिस्तर में दुबके
जब भी नींद से पलकें झपकती है
रोटी के निवाले मुँह तक
आने के पहले
अक्सर भोर हो  जाती है।
★★★★★★★★★★★★★
बोझ

जीवन के अंतिम पड़ाव में
एहसास होता है
काँधे पर लादकर चलते रहे
ज़माने को बेवजह
मन की गठरी यूँ ही
वजनदार हो गयी।
★★★★★★★★★★★★★★
जीवन

बह रहा वक्त की धार पर अनवरत
भीतर ही भीतर छीलता तटों को
मौन , निर्विकार , अविराम
छोड़कर सारे गाद किनारे पर
अनंत सागर के बाहुपाश में
विलीन होने को।


   #श्वेता🍁

22 comments:

  1. बेहतरीन क्षणिकाएँ
    सादर

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    1. बहुत बहुत आभार दी । हृदयतल से।

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  2. वाहहह बेहतरीन

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    1. बहुत बहुत आभार आपका लोकेश जी।

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  3. बेहतरीन क्षणिकाएँ खूब शब्दों में ढाला अपने मनोभावों को ......बहुत ही सुंदर

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    1. बहुत बहुत आभार आपका संजय जी।

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  4. भावपूर्ण क्षणिकाएं जिनमें जीवन के बिखरे हुए सूत्र संजोये गए हैं। बेहतरीन सृजन ! काव्य के अधिक से अधिक अनुभाग अब आपकी पहुँच में हैं। बधाई।

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    1. आपकी सराहना आपकी शुभकामनाएँ सदैव उत्साहवर्धन करते है मेरा।
      रवींद्र जी बहुत बहुत आभार आपका तहेदिल से।

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  5. बहुत बहुत आभार दी आपका रचना को मान देने के लिए:)

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  6. अभिव्यक्ति को नए आयाम दे रही हैं आपकी ये क्षणिकाएँ श्वेता जी । तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं । आपकी लेखनी का यह निखार यूँ ही प्रखर से प्रखरतर होता रहे। सस्नेह, सादर....

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका मीना जी,आपकी सराहना आपका स्नेह किसी पुरस्कार से कम नहीं मन आनंदमय है बहुत कृपया अपना नेह बनाये रखे सदैव।
      आपका हृदय से बहुत धन्यवाद।।

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  7. वाह ! बहुत ख़ूब ,अच्छा लगा

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    1. जी, आपका बहुत आभार शुक्रिया ध्रुव जी।

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  8. बहुत अच्छी क्षणिकायें.शब्दों और सम्वेदनाओ का अतुलनीय सम्मिलन.

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    1. बहुत बहुत आभार आपका अपर्णा जी,आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आभारी है।

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  9. लाजवाब क्षणिकाएं...
    बहुत ही सुन्दर....प्यास ....समसामयिक...
    वाह!!!!

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    1. बहुत आभार शुक्रिया आपका सुधा जी।

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  10. Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका सुशील जी।

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  11. बहुत सुंदर ।

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  12. बहुत सुंदर ।

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    1. बहुत आभार अर्चना जी।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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