Wednesday, 11 October 2017

कूची है तारे....हायकु

सिवा ख़ुद के
कुछ भी न पाओगे
आँखों में मेरी

भरी पलकें
झुका लूँ मैं वरना
तुम रो दोगे

आदत बुरी
पाल ली है दिल ने
बातों की तेरी

उठी लहर
छू कर किनारे को
भिगो जायेगी

आरियाँ है या
हवाओं के हाथ है
तोड़ते पत्ते

कसमसाती
शाम की हर साँस
उदास लगी

बनाने लगी
छवि तेरी बदरी
कूची है तारे

नीम फुनगी
ठुड्डी टिकाकर के
ताके है चंदा

चाँदनी फीकी
या नम है बादल 
आँखें ही जाने

आसमां ताल
तारों के फूल खिले
रात मुस्कायी

बिन तेरे है
ख़ामोश हर लम्हा
थमा हुआ सा

    #श्वेता🍁


25 comments:

  1. बेहतरीन
    बिन तेरे है
    ख़ामोश हर लम्हा
    थमा हुआ सा
    सादर

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    1. अति आभार दी:))
      सादर।

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  2. बहुत बेहतरीन हाइकू

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    1. बहुत बहुत आभार आपका लोकेश जी।

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  3. वाह !
    बहुत ख़ूब !
    आपकी हाइकु-श्रृंखला में हरेक हाइकु एक-दूसरे का पूरक प्रतीत होता है और एक सम्पूर्ण अंतर्कथा का पल्लवन होता है।
    बेहतरीन प्रस्तुति।
    बधाई एवं शुभकामनाऐं।

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    1. जी आभार आपका रवींद्र जी।
      आपके उत्साहवर्धन करते शब्दों के लिए हृदयतल से शुक्रिया बहुत सारा।

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  4. आदत बुरी
    पाल ली है दिल ने
    बातों की तेरी
    -----------बहुत ही भावपूर्ण पंक्तियों से सजा हाइकू ------- नमन है आपकी कल्पना को !!!!! सादर सस्नेह बहना |

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    1. जी अति आभार आपका रेणु जी,आपकी मोहक
      प्रतिक्रिया से मन आहृलादित हो जाता है।
      हृदयतल से शुक्रिया बहुत सारा। सस्नेह बहना।
      सादर।

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  5. बहुत शानदार मोहक हायकू। आप सब तरह की रचनाओं में दक्ष हैं। बहुत ख़ूब

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    1. जी अति आभार अमित जी,आप हमेशा सराहते है मेरी रचनाओं को,हृदयतल से आपका शुक्रिया खूब सारा।

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  6. बेहतरीन हाइकु श्वेता जी .

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    1. अति आभार मीना जी आपका।तहेदिल से शुक्रिया।

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  7. अति आभार आपका आदरणीय सर,मेरी रचना को मान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया आपका।
    सादर।

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    1. अति आभार आपका,तहेदिल से शुक्रिया. ध्रुव जी।

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  9. प्रेम का इजहार कभी कभी यूँ भी होता है...
    भरी पलकें
    झुका लूँ मैं वरना
    तुम रो दोगे

    आदत बुरी
    पाल ली है दिल ने
    बातों की तेरी....बेहतरीन अंदाज !
    सभी हाइकू सुंदर हैं । बधाई ।

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    1. बहुत बहुत आभार,तहेदिल से शुक्रिया मीना जी।सस्नेह।।

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  10. बहुत खूब सुन्दर हाइकू

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    1. अति आभार आपका रितु जी।तहेदिल से शुक्रिया खूब सारा।

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  11. आदत बुरी पाल ली है दिल ने..... बहुत सुंदर

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    1. बहुत बहुत आभार आपका शकुंतला जी।

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  12. "अपनी निश्छल भावनाओं को हाइकु के माध्यम से प्रस्तुत किया है। सुन्दर प्रस्तुति।"
    आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/10/39.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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    1. बहुत बहुत आभार आपका राकेश जी।तहेदिल से शुक्रिया बहुत सारा।

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  13. Replies
    1. बहुत बहुत आभार संजय जी।तहेदिल से शुक्रिया आपका।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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