लबों पे अटकी
मुस्कान की कनी
दिल में गड़ गयी
लफ्ज़ों की अनी
बातों की उंगलियों से
जा लिपटा मन
उलझकर रह गयी
छुअन में वहीं
अनगिनत किस्से है
कहने और सुनने को
लाज के मौन में सिमटी
कई बातें अनगिनी
सुनो,
रोज आया करो न
आँगन में मेरे
जाया करो बरसाकर
बातों की चाँदनी
क्या फर्क है कि
तुम दूर हो या पास
एहसास तुम्हारा
भर देता है रोशनी
#श्वेता🍁
बेहद खूबसूरत . कमाल की "मुस्कान" श्वेता जी .बहुत ही उम्दा .
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार आपका मीना जी,तहेदिल से शुक्रिया जी।
Deleteभावों की चांदनी में दमकती मुस्कान की कनी सचमुच कमाल की है | बहुत ही सुकोमल भावनाओं की महकती माला सी !!!!!!!!!!!!! बहुत शुभकामना प्रिय श्वेता जी |
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार प्रिय रेणु जी,तहेदिल से शुक्रिया खूब सारा जी।
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteमन को छूती हुई रचना
बहुत बहुत आभार.आपका लोकेश जी तहेदिल से शुक्रिया जी।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर हृदयस्पर्शी रचना....
बहुत बहुत आभार सुधा जी तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteसुंदर!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका विश्वमोहन जी।तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका ध्रुव जी।शुक्रिया बहुत सारा।
Deleteक्या फर्क है कि
ReplyDeleteतुम दूर हो या पास
एहसास तुम्हारा
भर देता है रोशनी...हृदयस्पर्शी रचना
बहुत बहुत आभार आपका वंदना जी।तहेदिल से शुक्रिया जी।
Deleteबढ़िया ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका सर।
Deleteक्या फर्क है कि
ReplyDeleteतुम दूर हो या पास
एहसास तुम्हारा
भर देता है रोशनी...
बहुत खुब स्वेता!
बहुत बहुत आभार आपका ज्योति, तहेदिल से शुक्रिया आपका खूब सारा।
Deleteसुनो,
ReplyDeleteरोज आया करो न
आँगन में मेरे
जाया करो बरसाकर
बातों की चाँदनी..
काव्य के अलग अलग जायके की क्षुधा हो तो आपके ब्लॉग का नियमित पाठक बनना एक बेहतर निर्णय साबित होगा। लुत्फ़ से भरपूर रचना। wahhhh
अमित जी,
Deleteआपकी सराहना भरे शब्द मन को ऊर्जा से भर देते है। आपने सदैव बहुत मनोबल बढ़ाया है मेरा जितना भी आभार कह ले कम होगा।आपका बहुत बहुत आभार तहेदिल से शुक्रिया खूब सारा।
बहुत सुंदर |
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार अर्चना जी,तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteअरे वाह !बहुत ही अच्छा लिखा है आपने .... बधाई
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सदा जी आपको अच्छा लगा हम खुश हो गये।
Deleteतहेदिल से शुक्रिया जी आपका।
वाह...दिल को छूती बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय, तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय, तहेदिल से शुक्रिया।
Deleteप्यारी रचना
ReplyDeleteजी रश्मि जी,आपको अपने ब्लॉग पर देखकर हम बहुत खुश है। आपका नेह मिलना पुरस्कार है मेरे लिए। तहेदिल से शुक्रिया आपका बहुत बहुत आभार।
Deleteनित नये कोमल भाव, कितने प्यारे कितने सलोने...हर रचना में प्रेम के नायाब रंग.
ReplyDeleteआप की रचनाशीलता को नमन.
सादर
बहुत बहुत आभार आपका अपर्णा जी,तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteलाजवाब ! लाजवाब !! और लाजवाब !!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका आदरणीय सर,तहेदिल से शुक्रिया आपका बहुत सारा।
Deleteबहुत बहुत आभार आपका रवींद्र जी,तहेदिल से शुक्रिया खूब सारा।
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार तहेदिल से शुक्रिया आपका आदरणीय।
ReplyDeleteThanku so much Nitu ji.
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