सोचते हैं
इस नये साल में
क्या बदल जाएगा....?
तारीख़ के साथ
किसका हाल बदल जाएगा।
सूरज,चंदा,तारे
और फूल
नियत समय निखरेंगे,
वही दिन होगा
असंभव है रात्रि
तम का जाल
तम का जाल
बदल जाएगा।
मथ कर विचार
तराश लीजिए
मन की काया,
गुज़रते वक़्त में
तन का हाल बदल जाएगा।
कुंठित मानसिकता में
लिपटे इस समाज में,
कौन कहता है
नारी के प्रति
मनभाव बदल जाएगा...?
लौटकर पक्षी को
अपने नीड़ में
आना होगा,
अपना मानकर बैठा है
कैसे वो डाल बदल जाएगा।
कुछ नहीं बदलता
समय की धारा में
दिवस के सिवा,
अपने कर्मों में
विश्वास रखिये
इतिहास बदल जाएगा।
नव वर्ष के
ख़ुशियों के पर्व पर
है नवीन संकल्प
नवप्रभात का,
ख़ुशियाँ बाँट लें
दिल कहता है
ग़म का जाल बदल जाएगा।
#श्वेता🍁
बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐
जी,आभार आपका लोकेश जी,नववर्ष की आपको भी अनंत शुभकामनाएँ है।
Deleteअग्रिम शुभकामनाएँ....
ReplyDeleteबेहतरीन रचना....
सादर..
अत्यंत आभार आपका आदरणीय सर,
Deleteआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
नव वर्ष के
ReplyDeleteत्योहार पर
है नवीन संकल्प
नवप्रभात का,
ख़ुशियाँ बाँट लें
दिल कहता है
ग़म का जाल बदल जाएगा।
बहुत सुंदर।
बहुत बहुत आभार ज्योति जी,नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।
Deleteनए वर्ष की अग्रिम शुभकामनायें इस आशा से कि नए साल में आपकी मनभावन रचनाओं में चार चांद लग जाएंगे, दिन दूनी रात चौगुनी की गति से!!!
ReplyDeleteआपकी आशीर्वचनों से अभिभूत हुये,आपकी शुभकामनाएँ अवश्य फलीभूत होंगी।
Deleteहृदय से आपका आभार।
आपके नेहाशीष का साथ मिलता रहे यही कामना है।आपको भी नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ विश्वमोहन जी।
बहुत सूंदर रचना ...
ReplyDeleteबहुत आभार आपका नीतू जी।
Deleteबहुत खूबसूरत लिखा.. कहीं भी लय टुटी नहीं.एक तरह से कहुं तो दिल के सारे भाव पेश कर दिए आपने...नारी के प्रति शायद ही कभी कुछ बदले .... दिल से चाहती हुं.आप बहुत तरक्की करो इस साल .क्या हर आने वाले साल आपकी कविताओं में नये आयाम रचता रहे .....नव-वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं स्वेता जी..!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार प्रिय अनु जी,आपकी शुभकामनाएँ नेह बरसा गयी। नये साल में भी आपका साथ यूँ ही मिलता रहे यही कामना है।
Deleteआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ सस्नेह।
बहुत सुंदर!कुछ न कुछ तो जरूर बदल जायेगा आने वाले साल में. कुछ नहीं तो नज़रिया ही बदल लेंगे..
ReplyDeleteनव वर्ष की अग्रिम शुभकामनायें
सादर
जी बहुत आभार आपका अपर्णा जी,जी जरुर सकारात्मक नज़रिया सदैव स्वागत योग्य होता है।
Deleteतहेदिल से शुक्रिया आपका अपर्णा जी।
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
यथार्थ में जीती है रचना ...
ReplyDeleteकुछ नहीं बदलता बस गिनती में एक वर्ष कम हो जाता है ... इंसान एक कदम और रख देता है आगे ...
फिर भी नव वर्ष तो कहलाता है ... और मंगल कामनाएं भी बनती हैं ...
जी सही कहा आपने नासवा जी,वक्त की निर्बाध गति में हमसब भी तो सम्मिलित है। चलते ही जाना है बस।
Deleteजी नववर्ष की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
नया साल नयी उम्मीदें...देखते हैं क्या बदलता है....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना....
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं....
जी,सुधा जी बदलाव तो होना ही है।
Deleteआभार आपका तहेदिल से बहुत सारा।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।सस्नेह।
वाह!!श्वेता जी ,बहुत सुंदर रचना । आने वाले नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शुभा जी,तहेदिल से शुक्रिया आपका। आपको भी आने वाले वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।सस्नेह।
Deleteबहुत शानदार अभिव्यक्ति। नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं और सार्थक संदेश के साथ आई यह रचना अनेक सवालों पर हमारे मंथन को फोकस करती है।
ReplyDeleteआदरणीया अपर्णा जी ने कितना सही कहा है कि कुछ नहीं तो हम अपना नज़रिया तो बदल ही सकते हैं।
भाव गंभीर से ओतप्रोत इस रचना के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं आदरणीया श्वेता जी।
लिखते रहिए।
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय रवींद्र जी,
Deleteआपकी विश्लेषणात्मक प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहता है सदैव।
आपकी शुभकामनाएँ अपेक्षित है।
कृपया मार्गदर्शन करते रहे।
वाह बेहतरीन..
ReplyDeleteशुभ संध्या सखी
सादर
बहुत बहुत आभार दी:)
Deleteशुभप्रभात।
अपना मानकर बैठा है
ReplyDeleteकैसे वो डाल बदल जाएगा।
____________________________ शानदार रचना :)
बहुत बहुत आभार आपका तहेदिल से शुक्रिया बहुत सारा प्रतिभा जी।
Deleteनमस्ते, आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
ReplyDelete( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरूवार 28-12-2017 को प्रकाशनार्थ 895 वें अंक में सम्मिलित की गयी है। प्रातः 4:00 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक चर्चा हेतु उपलब्ध हो जायेगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
जी बहुत बहुत आभार आपका रवींद्र जी।मेरी रचना को मान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया।
DeleteBahut khoob.
ReplyDeleteShandaar.
बहुत बहुत आभार आपका अभि जी।तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteबढ़िया
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका सर।
Deleteबहुत शानदार रचना श्वेता जी .
ReplyDeleteबदलता कुछ नहीं केवल साल बदलता है.फिर भी कुछ नई उम्मीदों के साथ नए साल का इंतज़ार रहता है सभी को .और ये उम्मीदें ही तो है जो उसे आगे बढ़ाती है.
नए साल की अग्रिम बधाई व शुभकामना श्वेता जी.
बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी,सही कहा आपने नये साल का इंतज़ार तो रहता है कुछ नये सपनों के पूरा होने के इंतज़ार में।
Deleteबहुत शुक्रिया आपका।
वाह!!बहुत सुंदर शब्द सरिता..
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगलकामनाएं।
पम्मी जी बहुत बहुत आभार आपका तहे दिल से शुक्रिया बहुत सारा।
Deleteआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत सुन्दर ..., नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ श्वेता जी .
ReplyDeleteआभार आपका मीना जी,तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको भी।
क्या कहने हैं ! बेहतरीन रचना ! सच तो ये है कि वर्ष बदल जाता है इसके सिवा कुछ नहीं बदलता ! खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत खूब आदरणीया ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार आपका सर,आपका आशीष मिला मन प्रसन्न हो गया,आपने रचना के सही भाव समझे इसके लिए विशेष आभार।
Deleteआपका आशीष बना रहे।