हृदय भरा उल्लास
हथेलियों में मल रंग लिये,
सुगंधहीन पलाश बिखरी
तन में मादक गंध लिये।
जला के ईष्या,द्वेष की होलिका
राख मले मतवारे,
रंग-गुलाल भरी पिचकारी
निकले अपने संग लिये।
फगुआ छेड़े पवन बसंती
नाचे झूमे सखियाँ सारी,
लाल,गुलाबी,हरे,बैंगनी
मुख इंद्रधनुष सतरंग लिये।
रंगों ने धो दिये कलुषित मन
न किसी से कोई वैर रहे,
थिरके एक राग में तन-मन
झूमे प्रेम उमंग लिये।
गुझिया,मालपुआ रसीली
पकवानों की दावत है,
बाल वृंद भी इत-उत डोले
किलकारी हुड़दंग लिये।
अवनि से अंबर तक बरसे
रंग-अबीर,गुलाल पिचकारी
मन मकरंद बौराये रह-रह
तन सजे रंग गुलकंद लिये
---श्वेता सिन्हा
बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteआपको भी होली के शुभकामनाएं
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 01.03.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2896 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 02 मार्च 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति,स्वेता। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteरंगों ने धो दिये कलुषित मन
ReplyDeleteन किसी से कोई वैर रहे,
थिरके एक राग में तन-मन
झूमे प्रेम उमंग लिये।.......बहुत सुन्दर. होली की शुभकामनायें!!!
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत बढिया.. होली मुबारक हो।
ReplyDeleteयूं आये आप की हवा मे एक आहट सी आई
ReplyDeleteकुछ अबीर कुछ गुलाल ले देखो पूर्वईया आई
भंग मे वो मदहोशी कहां जो आपके आने से आई
कहते तो थे सभी होली आई पर सच तो आपके आने से आई।
होली की रंगा रंग शुभकामनाएं स्नेह आशीष।
बहुत बहुत सुंदर मनभावन फाग रचना।
बहुत सुंदर
ReplyDeleteहोली की हार्दिक बधाई
बहुत सुंदर होली के रंग श्वेता जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना श्वेता !!होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteअवनि से अंबर तक बरसे
ReplyDeleteरंग-अबीर,गुलाल पिचकारी
मन मकरंद बौराये रह-रह
तन सजे रंग गुलकंद लिये-
प्रिय श्वेता बहन -- कई दिन के बार आपकी सरस और रंगीली रचना मन को अपार ख़ुशी दे रही है | आपको इस शुभावसर पर मेरी अनंत शुभ कामनाये मिले | सपरिवार खुशियाँ बटोरिये |
रगों के पर्व पर रंग भरी कविता। कविता के भावों ने मन में पकवानों और अपनेपन की मिठास भर दी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
सादर
बहुत सुन्दर रचना ..... आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआपको जन्मदिन-सह-होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
कलुषित मन तो उजले रंगों में रंग दिया है इस होली ने ...
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर भावपूर्ण रंगीन रचना है ...
"फगुआ छेड़े पवन बसंती
ReplyDeleteनाचे झूमे सखियाँ सारी,
लाल,गुलाबी,हरे,बैंगनी
मुख इंद्रधनुष सतरंग लिये।"
बहुत खूब....., मनभावन सृजन श्वेता जी .
बहुत सुंदर.
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