चूर होने तक
मन के भीतर ही भीतर
पसीजते दीवारों पर
निरंतर स्पंदित,
अस्पष्ट तैरते
वैचारिक दृश्य,
उलझन,उदासी,बेचैनी से
मुरुआता,छटपटाता हर लम्हा
मन की थकान से
निढ़ाल तन की
बदहवास लय
अपने दायरे में बंद
मौन की झिर्रियों पर
साँस टिकाये
देह और मन का
बेतरतीब तारतम्य
बेमतलब के जीवन से
विरक्त मन
मुक्त होना चाहता है
देह के बंधन से
जब तुम रुठ जाते हो।
#श्वेता सिन्हा
और इंतहा क्या होगी
ReplyDeleteइससे ज्यादा बंया क्या होगी
मन ही मन की गवाही देता रहे गर
तन की थकन अलग कब कैसे कहां होगी।
बहुत उम्दा एहसासों में लिपटी बेहतरीन रचना।
आभारी हूँ दी बहुत शुक्रिया।
Deleteवाह बेहद उम्दा आदरणीय दीदी जी
ReplyDeleteसादर नमन
आभारी हूँ आँचल..बहुत शुक्रिया।
Deleteबहुत खूब, दी! भावुक रचना।
ReplyDeleteप्रणाम,
मेरा एक शिकायत है...या कहूं कहीं आप मुझसे नाराज हैं, रूठ गई हैं.......पता नहीं जो भी कारण हो या ना भी कारण हो....पर मुझे कुछ दिनों से आपका मार्गदर्शन नहीं मिल रहा।
आभारी हूँ भाई..माफी चाहती हूँ व्यस्तता की वजह से ब्लॉग विजिट नहीं कर पा रहे...जल्दी ही जरूर आयेगे भाई।
Deleteसही है
ReplyDeleteकिसी अपने के रूठ जाने से मन की उपजाऊ जमीन पर एक खालीपन सा उग जाता है तब जिन्दगी बेमतलब सी लगती है. आपकी रचना मुझे हमेशा से ही बेहद पसंद आती है.
एक बात पूछूं-
ये अप्रूवल कैसे हटता है ? :D ;D
जी आभारी हूँ रोहित जी।
Deleteजी एप्रूवल हटाने के लिए सबसे पहले ब्लॉग पेज के सेंटिग्स में जाइये फिर टिप्पणी और साझाकरण में उसमें ऑप्शन आता है टिप्पणी नियंत्रण
हमेशा
कभी कभी
कभी नहीं
आपको लास्ट वाला ऑप्शन क्लिक करना होगा फिर आपके ब्लॉग पर से एप्रूवल खत्म हो जायेगा।
धन्यवाद...
Deleteकृपया मेरी किसी पोस्ट पर टिप्पणी देकर देखना कि हट गया है क्या???
मैंने कुछ तो सेटिंग में किया है :D :D
आभारी हूँ सर सादर शुक्रिया।
ReplyDeleteवाह बहुत खूब लिखा श्वेता।
ReplyDeleteशानदार भी, जानदार भी।
बेहतरीन।
बेहद खूबसूरत भाव...बिम्ब, शैली सब मन को मोह गए..अदभुत ..
ReplyDeleteमन से मन तक, मन की बात ....... :)
ReplyDeleteबहुत ही शानदार लिखा है आपने
ReplyDeleteकिसी का जाना दिल को गहरा अवसाद दे जाता है ...
ReplyDeleteऐसे ही लम्हों को बन के लिखी रचना ...
बेमतलब के जीवन से
ReplyDeleteविरक्त मन
मुक्त होना चाहता है
देह के बंधन से
जब तुम रुठ जाते हो।
बहुत ही सुन्दर...
जीवन ही बेमतलब हो जाता है
उनके रूठने से...
वाह!!!!
सुंदर अभिव्यक्ति
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