Tuesday 26 January 2021

सैनिक...धन्य कोख




 
धन्य धरा,माँ नमन तुम्हें करती है
धन्य कोख,सैनिक जो जन्म करती है।

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शपथ लेते, 
वर्दी देह पर धरते ही 
साधारण से 
असाधारण हो जाते
बेटा,भाई,दोस्त या 
पति से पहले,
माटी के रंग में रंगकर 
रक्त संबंध,रिश्ते सारे
एक ही नाम से 
पहचाने जाते।

महत्वाकांक्षी स्वप्न 
 हुक्मरानों के,
सियासी दाँव-पेंचों से तटस्थ,
सरहदों के बीच खड़े अडिग,
सिपाही,नायक,हवलदार,
सूबेदार,लैफ्टिनेंट,मेजर,
कर्नल नाम वाले
अनेक शब्दों के लिए
 एक शब्द...।
 
मूर्खतापूर्ण जुमलेबाज़ी  
अनदेखा कर,
निर्मम उपहासों का 
उपहार स्वीकारते,
जाति-धर्म के कुटिल चेहरों को
नहीं पहचानते,
विषम परिस्थितियों में भी 
कटिबद्ध,बेपरवाह,
बनते सुरक्षा कवच सहर्ष
लड़ते,भिड़ते,गिरते,
चोट खाते,फिर उठते,
काल के सम्मुख
सीना ताने निर्भीक
सैनिक...।

#श्वेता सिन्हा
२६/१/२०२१

14 comments:

  1. जाति-धर्म के कुटिल चेहरों को
    नहीं पहचानते,
    विषम परिस्थितियों में भी
    कटिबद्ध,बेपरवाह,
    बनते सुरक्षा कवच सहर्ष
    लड़ते,भिड़ते,गिरते,
    चोट खाते,फिर उठते,
    काल के सम्मुख
    सीना ताने निर्भीक
    सैनिक...।

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  2. अत्यंत प्रभावशाली लेखन ।

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  3. देश के वीर सैनिकों को समर्पित, सुन्दर सार्थक रचना..

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 27 जनवरी 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. बहुत सुन्दर सृजन। गणतंत्र दिवस की असंख्य शुभकामनाएं।

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  6. जय हिन्द जय हिन्द की सेना
    हार्दिक बधाई

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  7. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (27-01-2021) को  "गणतंत्रपर्व का हर्ष और विषाद" (चर्चा अंक-3959)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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  8. सलाम है, माँ के सपूतों को ! वीर जवानों को

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  9. नमन उन्हें भी एवं आपकी प्रभावी लेखनी को भी श्वेता जी ।

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  10. सैनिकों के सम्मान में गौरवमयी सृजन।
    बहुत सुंदर।

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  11. श्वेताजी,सीधे दिल से लिखा आपने. वो जो हमारे दिल में भी है. जन्म-जन्मान्तर तक हम ऋणी रहेंगे इन जांबाजों और इनके परिवारों के..माता-पिता के. जय हिंद.

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  12. धन्य धरा,माँ नमन तुम्हें करती है
    धन्य कोख,सैनिक जो जन्म करती है।
    सही कहा वर्दी धारण करते ही हमारे वीर सैनिक सारे रिश्तों एवं जाति पाँति से विलग सिर्फ और सिर्फ भारत माँ के लाल बन जाते हैं।
    बहुत ही उत्कृष्ट सृजन...
    वाह!!!

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  13. आदरणीया मैम,
    इतनी सुंदर भावपूर्ण रचना सैनिक और उनके परिवार को समर्पित। हमने सदा एक सैनिक की वीर गाथा ही गाई है पर एक सैनिक के कोमल मानवीय भावों को अनदेखा कर देते हैं।
    आपने एक सैनिक के उस मानवीय कोमल पक्ष को बहुत सुंदर तरीके से उकेरा है, एक ऐसी रचना जो केवल आप ही लिख सकतीं हैं। हार्दिक आभार इस भावपूर्ण रचना के लिए।

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  14. Very well said . very well and beautifully defined our solders. Jai Hind.

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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