Thursday 17 March 2022

रंग


 भोर का रंग सुनहरा,
साँझ का रंग रतनारी,
रात का रंग जामुनी लगता है...।

हया का रंग गुलाबी,
प्रेम का रंग लाल,
हँसी का रंग हरा लगता है...।

कल्पनाओं का रंग नीला,
मन का रंग श्वेत,
उन्माद का रंग नारंगी लगता है..,।

क्रोध का रंग गहरा,
लोभ का रंग धूसर,
जिद का रंग बदरंग लगता है...।

उदासी का कोई रंग नहीं
शायद  उदासी 
सारे रंग सोख लेती है,
और आँसू ...
सारे रंगों को फीका कर देते हैं।

जीवन में समय के अनुरूप
एक से दूसरे पल में 
परिवर्तित होते रंग प्रमाण है 
जीवन की क्रियाशीलता का...।

उत्सव का इंद्रधनुषी रंग 
हाइलाइट कर देता है जीवन के
कुछ लटों को
खुशियों के रंगों से ...।

#श्वेता सिन्हा
१७ मार्च २०२२

9 comments:

  1. उत्सव का इंद्रधनुषी रंग
    हाइलाइट कर देता है जीवन के
    कुछ लटों को
    खुशियों के रंगों से ...।
    बहुत सुंदर प्रयोग।

    उदासी का कोई रंग नहीं
    शायद उदासी
    सारे रंग सोख लेती है,
    और आँसू ...
    सारे रंगों को फीका कर देते हैं।
    यह भी एकदम सही !!!

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  2. बहुत सुंदर

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  3. आदरणीया श्वेता सिन्हा जी, नमस्ते👏! आपकी रचना ने रंगों के माध्यम से पूरे जीवन दर्शन को अभिव्यक्त कर दिया है। रंगों और उमंगों भरी होली की अशेष शुभकामनाएँ!--ब्रजेंद्रनाथ

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  4. रंगों के माध्यम से जीवन की सच्चाई को व्यक्त करती बहुत सुंदर रचना, स्वेता दी।

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  5. रंगों में निहित जीवन के विभिन्न रंगों को आपने बहुत सुंदरता से हाईलाइट किया प्रिय श्वेता अभिनव भाव सृजन।
    सस्नेह।

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  6. समस्त रंगों का संतुलित सम्मिश्रण परावर्तित होकर उत्सवप्रिय रंगों को आनन्द से प्रक्षेपित कर रहा है। जिसमें भींगकर मन भला क्यों न उन्मादी हो?

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  7. जीवन के हर पल में रंगों की यह बरखा ऐसे ही होती रहे, सुंदर रचना, शुभकामनाएँ!

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  8. उदासी का कोई रंग नहीं
    शायद उदासी
    सारे रंग सोख लेती है,
    और आँसू ...
    सारे रंगों को फीका कर देते हैं।

    रंगों की सुन्दर मीमांसा ......
    यूँ जीवन में हर रंग अपनी महत्ता रखते हैं ...चाहे वो उल्लास का हो या फिर उदासी का .... बेहतरीन रचना ...

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  9. सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति प्रिय श्वेता।रंगों से जीवन के रंग हैं।
    हर भावना को रंगों से जोडती रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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