अश्आर
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घोलकर तेरे एहसास जेहन की वादियों में
मुस्कुराती हूँ तेरे नाम के गुलाब खिलने पर
मुस्कुराती हूँ तेरे नाम के गुलाब खिलने पर
तेरा ख्याल धड़कनों की ताल पर गूँजता है
गुनगुनाते हो साँसों में जीवन रागिनी बनकर
गुनगुनाते हो साँसों में जीवन रागिनी बनकर
तन्हाई के आगोश में लिपटी रिमझिम यादें
भींगो जाती है कोना कोना मन के आँगन का
भींगो जाती है कोना कोना मन के आँगन का
खामोशियों में फैलती तेरी बातों की खुशबू
महक जाते है जज़्बात तुम्हें महसूस करके
महक जाते है जज़्बात तुम्हें महसूस करके
जबसे बाँधा है गिरह तेरे दिल से मेरे दिल ने
कोई दूजा ख्वाब आता नहीं पलकों के दायरे में
कोई दूजा ख्वाब आता नहीं पलकों के दायरे में