हूँ वीतरागी,शशि शीत भरी,
मैं पल पल साथ तुम्हारे हूँ।
रविपूंजों की जलती ज्वाला
ले लूँ आँचल में,छाँव करूँ,
कंटक राहों के चुन लूँ सारे
जीवन के भँवर में नाव बनूँ,
हर बूँद नयी आशा से भरी
मैं पल पल साथ तुम्हारे हूँ।
जीवन पथ के झंझावात में
थाम हाथ, तेरे साथ चलूँ
जब सूझे न कोई राह तुम्हें
जलूँ बाती, तम प्रकाश भरूँ,
घन निर्मल पावन प्रेम भरी
मैं पल पल साथ तुम्हारे हूँ।
क्या ढूँढ़ते हो तुम इधर उधर
न मिल पाऊँ जग बंधन में,
नयनों से ओझल रहती हूँ
तुम पा लो हिय के स्पंदन में,
जीवनदायी हर श्वास भरी
मैं पल पल साथ तुम्हारे हूँ।
श्वेता🍁