तन्हाई में बिखरी खुशबू ए हिना तेरी है
वीरान खामोशियों से आती सदा तेरी है
टपक टपक कर भरता गया दामन मेरा
फिर भी खुशियों की माँग रहे दुआ तेरी है
अच्छा बहाना बनाया हमसे दूर जाने का
टूट गये हम यूँ ही या काँच सी वफा तेरी है
सुकून बेचकर ग़म खरीद लाये है तुमसे
लगाया था बाज़ार इश्क का ख़ता तेरी है
वक्त की शाख से टूट रहे है यादों के पत्ते
मौसम पतझड़ नहीं बेरूखी की हवा तेरी है
#श्वेता🍁
वीरान खामोशियों से आती सदा तेरी है
टपक टपक कर भरता गया दामन मेरा
फिर भी खुशियों की माँग रहे दुआ तेरी है
अच्छा बहाना बनाया हमसे दूर जाने का
टूट गये हम यूँ ही या काँच सी वफा तेरी है
सुकून बेचकर ग़म खरीद लाये है तुमसे
लगाया था बाज़ार इश्क का ख़ता तेरी है
वक्त की शाख से टूट रहे है यादों के पत्ते
मौसम पतझड़ नहीं बेरूखी की हवा तेरी है
#श्वेता🍁