Friday 10 March 2017

आँख में पानी रखो


आँख में थोड़ा पानी होठों पे चिंगारी रखो
ज़िदा रहने को ज़िदादिली बहुत सारी रखो

राह में मिलेगे रोड़े,पत्थर और काँटें भी बहुत
सामना कर हर बाधा का सफर  जारी रखो

कौन भला क्या छीन सकता है तुमसे तुम्हारा
खुद पर भरोसा रखकर मौत से यारी रखो

न बनाओ ईमान को हल्का सब उड़ा ही देगे
अपने कर्म पर सच्चाई का पत्थर भारी रखो

गुजरते वक्त फिर न लौटेगे कभी ये ध्यान रहे
एक एक पल को जीने की पूरी तैयारी रखो

      #श्वेता🍁

1 comment:

  1. कौन भला क्या छीन सकता है तुमसे तुम्हारा
    खुद पर भरोसा रखकर मौत से यारी ??
    क्या बात है प्रिय श्वेता 👌👌👌♥️

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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