Sunday, 26 March 2017

तुम्हारा एहसास

खामोशियों में भी
दूरियों में भी
कुछ तड़पता है
कुछ कसकता है
वो न हो कही भी
फिर भी
हर साँस के साथ उनको
महसूस करते है
जैसे महसूस होती है हवा
अदृश्य प्राणवायु की तरह
जैसे महसूस करते है
अपने रब्ब के वजूद को
खुली बंद पलकों में
जैसे महसूस करते है
धड़कते हुए सीने को
वैसे ही चलती साँसों के
साथ उनको महसूस
कर सकते है
अपने एहसासों से छू
जाते है वो हर लम्हा
जैसे सूरज धरती को
चूमता है धूप बनकर
जैसे चाँद लिपटता है
रात से अपनी श्वेत
किरणों का दुशाला लिए
वैसे ही उनका एहसास
बादलों की तरह
मेरे जेहन के आसमां को घेरे
 हर पल हर घडी़
अपनी मुस्कान मे
तड़प मे बहते अश्कों मे
मचलते जज़्बातों मे
उनका एहसास
बस उनको महसूस करते है

        #श्वेता🍁
 

14 comments:

  1. Beautiful composition and Excellent Expression of feelings...
    Impressive

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 27 मार्च 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. Thanku so much for ur appreciation.
    thanks PK ji🍁for ur beautiful comments.

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  4. आपका बहुत बहुत आभार यशोदा जी हृदय से धन्यवाद मुझे रचनाओं को मान देने के लिए।🙏🙏

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  5. सटीक व सुंदर अभिव्यक्ति !

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  6. जी सराहना के लिए आभार ध्रुव जी।

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  7. जी आभार बहुत सारा सुशीलजी।

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  8. बहुत सुन्दर भाव ! नयी सोच, सुन्दर शब्द-रचना. कविता में कई बार 'में' के स्थान पर 'मे' लिखा गया है जो खटकता है.'उनको महसूस करते है' के स्थान पर 'उनको महसूस करते हैं' होना चाहिए था.

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  9. आपका बहुत बहुत स्वागत है गोपेश जी मुझे आपकी प्रतिक्रिया बहुत अच्छी लगी।आगे से मात्रा संबंधी त्रुटियों का विशेष ध्यान रखेगे हम। कृपया अपने बहुमूल्य समय में से कुछ पल निकालकर मेरी पोस्ट पर जरूर आये।आपके मार्गदर्शन के आभारी रहेगे🙏

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  10. प्रेम का एहसास बस महसूस करने के लिए ही तो है ... नर्म भावों से सजी रचना ...

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  11. भावपूर्ण रचना

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  12. Bahut hi khubsurat 👍👍👌👌

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  13. जी आभार बहुत सारा दिगंबर जी🍁

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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