Friday, 26 May 2017

तुम्हारा स्पर्श


मेरे आँगन से बहुत दूर
पर्वतों के पीछे छुपे रहते थे
नेह के भरे भरे बादल
तुम्हारे स्नेहिल स्पर्श पाकर
मन की बंजर प्यासी भूमि पर
बरसने लगे है बूँद बूँद
रिमझिम फुहार बनकर
अंकुरित हो रहे है
बरसों से सूखे उपेक्षित पड़े
इच्छाओं के कोमल बीज
तुम्हारे मौन स्पर्श की
मुस्कुराहट से
खिलने लगी पत्रहीन
निर्विकार ,भावहीन
दग्ध वृक्षों के शाखाओं पे
 गुलमोहर के रक्तिम पुष्प
भरने लगे है रिक्त आँचल
इन्द्रधनुषी रंगों के फूलों से
तुम्हारे शब्दों के स्पर्श
तन में छाने लगे है बनकर
चम्पा की भीनी सुगंध
लिपटने लगे है शब्द तुम्हारे
महकती जूही की लताओं सी
तुम्हारे एहसास के स्पर्श से
मुदित हृदय के सोये भाव
कसमसाने लगे है आकुल हो
गुनगुनाने लगे है गीत तुम्हारे
बर्फ से जमे प्रण मन के
तुम्हारे तपिश के स्पर्श में
गलने लगे है कतरा कतरा
हिय बहने को आतुर है
प्रेम की सरिता में अविरल
देह से परे मन के मौन की
स्वप्निल कल्पनाओं में
       
        #श्वेता🍁

19 comments:

  1. किसी के प्रेम का स्पर्श झंकृत कर जाता है ... मन मयूर झूम झूम जाता है ... ऐसे में ही सृजन होता है इन रचनाओं का ...

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    1. आभार नासवा जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपका।

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  2. नमस्ते, आपकी यह रचना "पाँच लिंकों का आनंद "(http://halchalwith5links.blogspot.in) में लिंक की गयी है। गुरुवार 1 जून 2017 को प्रकाशित होने वाले अंक में चर्चा के लिए आप सादर आमंत्रित हैं।

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    1. नमस्ते रवींद्र जी।बहुत शुक्रिया आभार आपका मेरी रचना को मान देने के लिए हृदय से धन्यवाद आपका।

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  3. और कुछ नही, बस और केवल बस अद्भुत!!!

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    1. आपका बहुत शुक्रिया आभार आपका,बहुत अच्छा लगा आपका आगमन मेरी पोस्ट पर।धन्यवाद आपका।

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  4. सच प्रेमभरा कोमल स्पर्श भीषण गर्मी के बाद पहली बरखा की फुहार पड़ने पर धरती पर बीजों के अंकुरण जैसा ही होता है
    बहुत सुन्दर

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    1. जी बहुत शुक्रिया आभार आपका कविता जी।कविता में छिपे भाव अगर पाठक समझ ले तो रचना लिखना सार्थक होता है।बहुत आभार आपका।

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  5. कोई कितना खूबसूरत लिख सकता है, इसकी मिसाल हैं ये रचना, सचमुच ग़जब

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    1. जी आपके सुंदर शब्दों के लिए हृदय से आभार अलकनंदा जी,बहुत शुक्रिया।

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  6. बहुत सुन्दर रचना है.

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    1. जी बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका।

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  7. Replies
    1. बहुत शुक्रिया आपका

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  8. प्रकृति पर सुन्दर कविता है .

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    1. जी,बहुत आभार आपका।

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  9. सुन्दर अभिव्यक्ति ,अलंकृत शब्द विन्यास आभार। "एकलव्य"

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    1. जी बहुत आभार शुक्रिया आपका।"एकलव्य" जी

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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