जय माता पार्वती जय हो बाबा शंकर
रख दीजे हाथ माथे कृपा करे हमपर
अटल सुहाग माँगे कर तीज व्रत हम
बना रहे जुग जुग साथ और सत सब
रख दीजे हाथ माथे कृपा करे हमपर
अटल सुहाग माँगे कर तीज व्रत हम
बना रहे जुग जुग साथ और सत सब
माँग का सिंदूर मेरा दम दम दमके
लाल हरी चुड़ियाँ खन खन खनके
प्रीत की सुगंध मेंहदी मह मह महके
बिछुआ पायल बजे छम छम छमके
सोलह सिंगार रूप लह लह लहके
बँधे खुशी आँचल में बरसे जमकर
जय माता पार्वती.........
लाल हरी चुड़ियाँ खन खन खनके
प्रीत की सुगंध मेंहदी मह मह महके
बिछुआ पायल बजे छम छम छमके
सोलह सिंगार रूप लह लह लहके
बँधे खुशी आँचल में बरसे जमकर
जय माता पार्वती.........
पिया जी अँगना में स्वप्न दीप जलाई
सतरंगी सितारों से है रंगोली सजाई
सकल दुख संताप प्रभु चरण चढ़ाई
फूल मुसकाये गोदी में अरज लगाई
बना विश्वास रहे रामा यही है दुहाई
रहे पिया साथ मेरे मन से रमकर
जय माता पार्वती..........
सतरंगी सितारों से है रंगोली सजाई
सकल दुख संताप प्रभु चरण चढ़ाई
फूल मुसकाये गोदी में अरज लगाई
बना विश्वास रहे रामा यही है दुहाई
रहे पिया साथ मेरे मन से रमकर
जय माता पार्वती..........
जीवन की राहों में गाँठ एक जोड़ा
दुनिया जहान में ढूँढ लाए वर मोरा
नेह के नभ पिया मैं चाँद औ चकोरा
हाथ थाम चलूँ हिय प्रीत के हिलोरा
डोली में आई अब काँधे जाऊँ तोरा
प्रेम न पिया जी से भूल के कमकर
जय माता पार्वती........
दुनिया जहान में ढूँढ लाए वर मोरा
नेह के नभ पिया मैं चाँद औ चकोरा
हाथ थाम चलूँ हिय प्रीत के हिलोरा
डोली में आई अब काँधे जाऊँ तोरा
प्रेम न पिया जी से भूल के कमकर
जय माता पार्वती........
#श्वेता🍁
सुंदर !
ReplyDeleteजी, बहुत आभार आपका मीना जी।
Deleteबहुत सुंदर भावाव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका लोकेश जी।
Deleteबहुत सुन्दर मंगल कामना भरी प्रार्थना .
ReplyDeleteजी, बहुत बहुत आभार आपका मीना जी।
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 25 अगस्त 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार दी।
Deleteआपको मेरी ओर से हार्दिक बधाई। आभार ,"एकलव्य"
ReplyDeleteजी, बहुत आभार आपका।
Deleteचिर सुहागन तीज की मांगलिक बधाई!!!
ReplyDeleteजी, बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका विश्वमोहन जी।
Deleteबहुत बढिया..
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका पम्मी जी।
Deleteमंगलकामनाएं।
ReplyDeleteआपकी मंगलकामनाओं के लिए हार्दिक आभार आपका सर।
Deleteबहुत बहुत सुंदर।। अतीव मोहक।।
ReplyDeleteजीवन की राहों में गाँठ एक जोड़ा
दुनिया जहान में ढूँढ लाए वर मोरा
नेह के नभ पिया मैं चाँद औ चकोरा
हाथ थाम चलूँ हिय प्रीत के हिलोरा
डोली में आई अब काँधे जाऊँ तोरा
प्रेम न पिया जी से भूल के कमकर।
नेह में पगी ह्रदय से निकली मनोहर अर्जी।।
बहुत बहुत सुंदर।। अतीव मोहक।।
ReplyDeleteजीवन की राहों में गाँठ एक जोड़ा
दुनिया जहान में ढूँढ लाए वर मोरा
नेह के नभ पिया मैं चाँद औ चकोरा
हाथ थाम चलूँ हिय प्रीत के हिलोरा
डोली में आई अब काँधे जाऊँ तोरा
प्रेम न पिया जी से भूल के कमकर।
नेह में पगी ह्रदय से निकली मनोहर अर्जी।।
हृदय से आपका अति आभार अमित जी।
Deleteबने खुशी आँचल में बरसे जमकर....
ReplyDeleteरहें पिया साथ मोरे मन में रमकर....
वाह !!!
बहुत ही सुन्दर.... तीजोत्सव पर लाजवाब प्रस्तुति...
बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका सुधा जी आपके उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए।
Deleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/08/32.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरी रचना को मान देने के लिए अति आभार आपका राकेश जी। आपने बहुत सुंदर विवेचना की है रचना के संबंध में तहे दिल से शुक्रिया आपका।
ReplyDeleteतीज की कल्पना भी तो अमिट प्रेम और एकाकार सदा के लिए का भाव ले के आती है ... सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteजी,आपने रचना का मूल भाव समझा सुंदर मनतंव्य के लिए हृदय से आभार आपका।
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