अनमोल रतन दमके
भारत के भाल पर
एक मूरत सादगी की
भारी है हर जाल पर
धन्य है मातृभूमि गर्वित
पाकर ऐसे लाल को
लाल बहादुर कहते है
भारत माँ के लाल को
धन्य कोख माँ राम दुलारी
पिता शारदा को नमन करे
गज़ब की शख्सियत था
विनम्रता से शत्रु दमन करे
पढ़ने की लगन में जिसने
गंगा की धार को पार किया
अभाव को बनने न दी बाधा
हर स्वप्न अपना साकार किया
कर्तव्य निष्ठ थे देश के लिए
कर दिया समर्पित स्वयं को
गाँधी जी से के चमक के आगे
न भूलो देशभक्त के जन्म को
सन् बयालीस के भारत छोड़ो में
'मरो नहीं मारो 'का नारा दिया
अपने हक के लिए लड़ने का
ओज तेज भरा विचारधारा दिया
निडर साहासी अगुआ थे वो
देश को गौरव और शान दिया
भारत पर चढ़ा जब पाक तब
मुँहतोड़ उत्तर देकर मान दिया
देश के पहरेदारों में जोश भर
सीमा पर विजयी ध्वज लहराया
जय जवान जय किसान नारा
प्राणशक्ति बना जन में महकाया
शांति दूत का सच्चा मूरत वो
मिट गया शांति के नाम पर
ताशकंद बना काल का घर
सोया लाल चिरनिद्रा धाम पर
गर्व है हमें शास्त्री जैसे लाल पर
कद के छोटे हृदय विशाल पर
नहीं था आडंबर का कोई ढ़ोग
नमन बहादुर भारत के लाल को
बेहतरीन
ReplyDeleteजय जवान जय किसान
आभार आपका लोकेश जी।
Deleteजय जवान जय किसान।
भारत के महान सपूत ईमानदारी की मिसाल आदरणीय लाल बहादुर शास्त्री जी आज भी भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमन्त्री के तौर पर याद किये जाते हैं।
ReplyDeleteउनका दिया हुआ नारा "जय जवान जय किसान आज भी उतना ही मुखर और प्रासंगिक है।
राजनीति में नैतिकता को कैसे जिया जाता है यह बख़ूबी उन्होंने चरितार्थ किया। सादर नमन शास्त्री जी।
आपने सुन्दर सारगर्भित गाथा प्रस्तुत की है भारत के दुलारे धरती के लाल की। बधाई एवं शुभकामनाऐं।
जी रवींद्र जी आपने अक्षरशः सत्य लिखा।शास्त्री जी को शत शत नमन।आपकी सुंदर प्रतिक्रिया ने मेरी रचना को विस्तार दिया आभार आपका तहेदिल से।आपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत शुक्रिया।
Deleteगर्व है हमें शास्त्री जैसे लाल पर
ReplyDeleteकद के छोटे हृदय विशाल पर...
बहुत अप्रतिम रचना श्वेता जी। भारत माँ के महान सपूत श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की गौरव गाथा की अद्भुत रचना। पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने योग्य कृति।
अमित जी आपके उत्साहवर्धक शब्दों के लिए कैसे आभार करे।इतनी साधारण रचना को असाधारण बना दिया आपने अपनी सुंदर प्रतिक्रिया के द्वारा।
Deleteतहेदिल से अति आभार और शुक्रिया।
गर्व है हमें शास्त्री जैसे लाल पर
ReplyDeleteकद के छोटे हृदय विशाल पर
नहीं था आडंबर का कोई ढ़ोग
नमन बहादुर भारत के लाल को।
बहुत ही बढ़िया रचना, स्वेता।
भारत के इस महान सपूत को उतना सम्मान नही मिल पाया जितने के वे हकदार थे और हैं। ऐसे महापुरुष पर इतनी बढ़िया रचना शेयर करने के लिए धन्यवाद।
ज्योति जी,सही कहा आपने जितना मान मिलना चाहिए उतना न दे पाये हम शास्त्री जी को।
Deleteआपने बहुत सारगर्भित प्रतिक्रिया दी अति आभार आपका तहेदिल से शुक्रिया जी।
ReplyDeleteसुंदर शब्दों में सारगर्भिता से परिपूर्ण रचना..
नमन।
आभार आपका पम्मी जी,आपकी प्रतिक्रिया मिली मतलब रचना जरुर ठीक ठाक बन गयी होगी।
Deleteतहेदिल से शुक्रिया आपका बहुत सारा।
सोंधी सी महक
ReplyDeleteआ रही है इस कविता मे
उत्तम पंक्तियाँ..
निडर साहासी अगुआ थे वो
देश को गौरव और शान दिया
भारत पर चढ़ा जब पाक तब
मुँहतोड़ उत्तर देकर मान दिया
देश के पहरेदारों में जोश भर
सीमा पर विजयी ध्वज लहराया
जय जवान जय किसान नारा
प्राणशक्ति बना जन में महकाया
सच में वो होते तो
वंशवाद की बेलें नही पनपती
सादर
जी दी:) आपकी सराहना रचना में जान फूँक गयी।
Deleteअति आभार आपका दी तहेदिल से शुक्रिया खूब सारा।
ईमानदारी की मिसाल महान सपूत श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की गौरव गाथा
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका संजय जी।बहुत दिन बाद आपकी प्रतिक्रिया मिली।
Deleteशास्त्री जी पर अनुपम सृजन .
ReplyDeleteअति आभार आपका मीना जी।
Deleteभारत माता की जय ,जय जवान ,जय किसान ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ।
भात माता की जय,रितु जी बहुत बहुत आभारी है आपके।
Deleteअनमोल रतन दमके
ReplyDeleteभारत के भाल पर.....
देश के अनमोल रतन ही थे,माननीय लाल बहादुर शास्त्री जी....काव्य के माध्यम से देश के लाल की जीवनी पठनीय और रुचिकर बना दी आपने....
वाह!!!
लाजवाब अभिव्यक्ति....
अत्यंत आभार सुधा जी,आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए तहेदिल से शुक्रिया जी।
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