5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर फिर से एक बार प्रभावशाली स्लोगन जोर-जोर से चिल्लायेगे,पेड़ों के संरक्षण के भाषण,बूँद-बूँद पानी की कीमत पहचानिये..और भी न जाने क्या-क्या लिखेगे और बोलेगे। पर सच तो यही है अपनी सुविधानुसार जीवन जीने की लालसा में हम अपने हाथों से विकास की कुल्हाड़ी लिये प्रकृति की जड़ों को काट रहे हैं। आधुनिकता की होड़ ने हमें दमघोंटू हवाओं में जीने को मजबूर कर दिया है और इन सबके जिम्मेदार सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारी असंतुलित,अव्यवस्थित आरामदायक जीवन शैली है।
प्रकृति की ऐसी दुर्दशा देख कर बस यही सवाल खुद से पूछती हूँ...कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम ये कैसी धरोहर संजो रहे हैं?
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बदलते मौसम की सुगबुगाहट
तपती किरणों की चिलचिलाहट
सूखने लगे बाग के फूल सारे
कटते पेड़ों में मची कुलबुलाहट
गिरगिट सा रंग बदले मौसम
प्राणियों में होने लगी घबराहट
सूखते सोते जलाशयों में,
कंठों में बूँदों की अकुलाहट
पार्कों की जगह मॉल बन रहे
प्रकृति भी देख रही बदलाहट
कुदरत से खिलवाड दोस्तोंं
जीवन में मौत की बुलाहट
संतुलित रखो पर्यावरण को,
वरना सुनो विनाश की मौन आहट
---श्वेता सिन्हा
वाह!!श्वेता ....बहुत खूब ..पर्यावरण को बचाने के लिए जनजन को जागृत होना होगा ,कीमत समझनी होगी इसकी।
ReplyDeleteबूँद -बूँद पानी की है अनमोल
पत्ती -पत्ती वृक्षों की है अनमोल ।
बेहतरीन
ReplyDeleteहर कोई पर्यावरण के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझने लगे तो कितना अच्छा हो
सुन्दर, पर्यावरण की सुरक्षा आज की महती आवश्यकता है| वरना एक दिन बियावान होंगे|
ReplyDeleteवाह ! क्या बात है ! सामयिक रचना ! लाजवाब !! बहुत खूब आदरणीया ।
ReplyDeleteकुछ दिन पहले झूम रहा था
ReplyDeleteजाने क्या हुआ अब उसको
उसके मन की करुण दशा
भला बताए जाकर किसको
सूखे मुरझाए हैं पत्ते, सूखी हर डाली-डाली
कहां गई उस तरु की हरियाली
पर्यावरण की रक्षा हम सब का कर्तव्य है ... जन -जागृति बढाती सुंदर रचना
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 7 जून 2018 को प्रकाशनार्थ 1056 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
पर्यावरण पर लिखी सार्थक और सचेत करती रचना
ReplyDeleteबधाई
बहुत सुंदर रचना श्वेता जी
ReplyDeleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/06/73.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
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