आपके एहसास ने जबसे मुझे छुआ है
सूरज चंदन भीना,चंदनिया महुआ है
मन के बीज से फूटने लगा है इश्क़
मौसम बौराया,गाती हवायें फगुआ है
वो छोड़कर जबसे गये हमको तन्हा
बेचैन, छटपटाती पगलाई पछुआ है
लगा श्वेत,कभी धानी,कभी सुर्ख़,
रंग तेरी चाहत का मगर गेरुआ है
क्या-क्या सुनाऊँ मैं रो दीजिएगा
तड़पकर भी दिल से निकलती दुआ है
जीवन पहेली का हल जब निकाला
ग़म रेज़गारी, खुशी ख़ाली बटुआ है
-श्वेता सिन्हा
वाह !बहुत खूब सखी 👌
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन
ReplyDeleteवो छोड़कर जबसे गये हमको तन्हा
ReplyDeleteबेचैन, छटपटाती पगलाई पछुआ है
लगा श्वेत,कभी धानी,कभी सुर्ख़,
रंग तेरी चाहत का मगर गेरुआ है
बहुत खूब...श्वेता दी।
बहुत खूब
ReplyDeleteबेहतरीन रचना जी।
वाहः वाहः
ReplyDeleteबहुत ही शानदार
वाह!!!!
ReplyDeleteक्या बात है!!!!
बहुत लाजवाब....
वो छोड़कर जबसे गये हमको तन्हा
ReplyDeleteबेचैन, छटपटाती पगलाई पछुआ है.... बहुत सुंदर। लेकिन
पहिले पछुआ पगलाता है
पाछे पुरवा पग लाता है।
सूखी पाकी धरती को धो
पोर पोर प्यार भर जाता है।
ख़ुशी ख़ाली बटुआ ...
ReplyDeleteबहुत लाजवाब शेर बुने हैं ... नई उपमाएँ और प्रेम का अहसास लिए दिलकश शेर हैं सभी ...
लगा श्वेत,कभी धानी,कभी सुर्ख़,
ReplyDeleteरंग तेरी चाहत का मगर गेरुआ है
!!!!!!!!
बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना प्रिय श्वेता | सस्नेह शुभकामनाएं |
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 23 नवम्बर 2018 को प्रकाशनार्थ 1225 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
वाह
ReplyDeleteवाह क्या कहने!श्वेता ।
ReplyDeleteसच जब सूरज चंदन की शीतलता दे और चांदनी मदहोशी तो समझो मौसम ही नही मन ही बौराया है,
अद्भुत नव अंलकारों से सजी शर्मिली दुल्हन सी नजाकत भरी गजल अपनी झांझर झंकार रही है और कविता सी सरस दिल में उतर गई है।
निशब्द!!
प्रिय श्वेता -- मनमोहक अशारों से सजी गज़ल के क्या कहने !!!!! एक से बढ़कर एक शेर और मार्मिक भाव रचना को बहुत ही उत्कृष्ट बना रहे हैं | ये शेर मुझे खास तौर पर बहुत ही प्यारा लगा ----
ReplyDeleteलगा श्वेत,कभी धानी,कभी सुर्ख़,
रंग तेरी चाहत का मगर गेरुआ है!!!!!!
गेरुए इश्क में लिपटी रचना के लिए हार्दिक बधाई और प्यार |
लाजवाब शेर
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