दीपों के जगमग त्योहार में
नेह लड़ियों के पावन हार में
जीवन उजियारा भर जाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ
अक्षुण्ण ज्योति बनी रहे
मुस्कान अधर पर सजी रहे
किसी आँख का आँसू हर पाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ
खेतों की माटी उर्वर हो
फल-फूलों से नत तरुवर हो
समृद्ध धरा को कर पाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ
न झोपड़ी महल में फर्क़ करूँ
कण-कण सूरज का अर्क मलूँ
तम घिरे तो छन से बिखर पाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ
फौजी माँ बेटा खोकर रोती है
बेबा दिन-दिनभर कंटक बोती है
उस देहरी पर खुशियाँ धर पाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ
जग माटी का देह माटी है
साँसें जलती-बुझती बाती है
अबकी यह तन ना नर पाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ
©श्वेता सिन्हा
sweta sinha जी बधाई हो!,
आपका लेख - (आस का नन्हा दीप )आज के विशिष्ट लेखों में चयनित हुआ है | आप अपने लेख को आज शब्दनगरी के मुख्यपृष्ठ (www.shabd.in) पर पढ़ सकते है |
धन्यवाद, शब्दनगरी संगठन
बहुत सुंदर भाव। दीपोत्सव की अनंत शुभकामनाएँ प्रिय श्वेता। सस्नेह।
ReplyDeleteहृदयतल से सादर आभार दी:)
Deleteज्योति पर्व की मंगल शुभकामनाएँ आपको भी।
सप्रेम।
दीप पर्व की मंगलकामनाएं। सुन्दर रचना।
ReplyDeleteहृदयतल से सादर आभार सर।
Deleteदीपोत्सव की मंगल शुभकामनाएँ आपको भी।
आशा का संचार करती बहुत ही सुंदर रचना श्वेता। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहृदयतल से आभार ज्योति जी।
Deleteदीपावली की मंगल शुभच्छायें आपको भी।
जग माटी का देह माटी है
ReplyDeleteसाँसें जलती-बुझती बाती है
अबकी यह तन ना नर पाऊँ
मैं आस का नन्हा दीप बनूँ... माटी के दिया का सुंदर उच्छावास!
हृदयतल से बेहद आभार आपका विश्वमोहन जी।
Deleteदीपवली की अनंत शुभेच्छाएँ स्वीकार करें।
स्नेहाशीष बना रहे।
बहुत उम्दा
ReplyDeleteदीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
सकारात्मक सन्देश देती सुंदर कविता श्वेता जी .... दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाई.. बहुत सुंंदर आशाओं से भरी कविता..।
ReplyDeleteआशा और उम्मीद तो रौशनी और दीप के साथ जुड़ी है ...
ReplyDeleteदीपावली भी भी ऐसा ही त्यौहार है ...
बहुत ही सकारात्मन रचना .... कमाल की रचना ....
अंतस तक एक असीम शांति की लहर व्याप्त हो गई ऐसा शुभ्र भावों वाला सरस काव्य पढ कर, श्वेता आप की कलम में जादुई प्रवाह है,और शब्द विन्यास अतुलनीय ,सदा यूंही शबदों का तिलिस्म बिखेरते रहो ।
ReplyDeleteअप्रतिम अद्भुत।
वाह!!खूबसूरत भावों से सजी रचना !!
ReplyDelete