तुम हो तो तार अन्तर के
गीत मधुर गुनगुनाती है
प्रतिपल उठती,प्रतिपल गिरती
साँसें बुलबुल-सी
फुदक-फुदककर शोर मचाती है।
बिना छुए सपनों को मेरे
जीवित तुम कर जाते हो
निर्धूम सुलगते मन पर
चंदन का लेप लगाते हो
शून्य मन मंदिर में रूनझुन बातें
पाजेब की झंकार
रसीली रसधार-सी मदमाती है।
मन उद्विग्न न समझे कुछ
प्राणों के पाहुन ठहर तनिक
विरह पंक में खिलता महमह
श्वास सुवास कुमुदिनी मणिक
आस-अभिलाष की झलमल ज्योति
बाती-सी मुस्काती
उचक-उचककर चँदा को दुलराती है।
हिय सरिता की बूँद-बूँद
तुझमें विलय करूँ आत्मार्पण
तू ही ब्रह्म है तू ही सत्य बस
तुझको मन सर्वस्व समर्पण
जीवन की रिक्त दरारों में अमृत-सी
टप-टप,टिप-टिप
संजीवनी मन की तृषा मिटाती है।
#श्वेता सिन्हा
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार मई 28, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteवाहः
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति
बेहद खूबसूरत रचना
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब
ReplyDeleteवाह !! अत्यंत सुंदर अभिव्यक्ति👌👌👌👌
ReplyDeleteवाह!!श्वेता, अद्भुत!!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (28-05-2019) को "प्रतिपल उठती-गिरती साँसें" (चर्चा अंक- 3349) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मन के कलम से मन के कागज़ पर ... मन की बात मन तक .. बहुत ही मनस्पर्शिय रचना ... कुछ रचनाएँ अंतर्मन से झरने की तरह बह कर सोशल साइट्स के सागर में आ मिलती हैं...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर श्वेता !
ReplyDeleteकई दिनों से तुम्हारी काव्य-सुधा के पान से वंचित थे. आज मन को तरावट मिली है.
बहुत सुन्दर सखी
ReplyDeleteसादर
बिना छुए सपनों को मेरे
ReplyDeleteजीवित तुम कर जाते हो
निर्धूम सुलगते मन पर
चंदन का लेप लगाते हो
बहुत सुंदर भाव ...,लाज़बाब
बिना छुए सपनों को मेरे
ReplyDeleteजीवित तुम कर जाते हो
निर्धूम सुलगते मन पर
चंदन का लेप लगाते हो
शून्य मन मंदिर में रूनझुन बातें
पाजेब की झंकार
रसीली रसधार-सी मदमाती है।
बहुत भाव पूर्ण पंक्तियाँ प्रिय श्वेता !!!!!! सस्नेह शुभकामनायें |
वाह वाह श्वेता हमेशा की तरह लाजवाब बहुत सुंदर भाव गहरे उतरते।
ReplyDeleteविस्मयकारी उपलब्धि।
सुन्दर भाव अभिव्यक्ति
ReplyDeleteअहा अतिसुन्दर ...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत श्वेता ❤️
ReplyDeleteचंदन का लेप लगाते हो
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव ...,लाज़बाब
उम्दा भाव
ReplyDelete☺️