Tuesday, 14 March 2017

एक ख्वाब

ओ हसीन तन्हा चाँद
ओ झिलमिल सितारों
उतर आओ जमीं पर
रात के खामोश दामन पर
महफिल हम जमायेगे
चंदा तुम फूलों को चूमकर
अपनी दिल की बात कहना
सितारे मुंडेरों पर जगमगायेगे
मेरे पलकों के सारे ख्वाब
होठों पे मुस्कुरायेगे
कुछ चाँदनी हँसकर बिखरे
कुछ तारे दर्द के छिटके
फिर सारे सपने थककर
नम यादों के तकिये से लिपटे
उनींदी रात के सर्द
आगोश में सो जायेगे

     #श्वेता🍁

6 comments:

  1. खूब सारा आभार यशोदाजी🙏🙏

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    1. आपका बहुत बहुत आभार PKJi🙏

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  3. जी आभार बहुत सारा आपका Savanji

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  4. चाँद तारों की ये महफिलें यूँ ही चलती रहें ...

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    1. आपकी बहुमूल्य शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभार दिगम्बर जी🍁

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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