Tuesday, 13 June 2017

तुम्हारे लिए

ज़हन के आसमान पर
दिनभर उड़ती रहती,
ढूँढ़ती रहती कुछपल का सुकून,
बेचैन ,अवश, तुम्हारी स्मृतियों की तितलियाँ
बादलों को देख मचल उठती
संग मनचली हवाओं के
छूकर तुम्हें आने के लिए,
एक झलक तुम्हारी
अपनी मुसकुराहटों मे
बसाने के लिए,
टकटकी लगाये चाँद को
देखती तुम्हारी आँखों में
चाँदनी बन समाने के लिए,
अपनी छवि तुम्हारी उनींदी पलकों में
छिपकर देखने को आतुर
तुम्हारे ख़्यालों के गलियारे में
ख़्वाब में तुमसे बतियाने के लिए,
तुम्हारे लरजते ज़ज़्बात में
खुद को महसूस करने की
चाहत लिए
तन्हाई में कसमसाती,
कविताओं के सुगंधित
उपवन मे विचरती,
शब्दों में खुद को ढ़ूँढ़ती
तितलियाँ उड़ती रहती हैंं,
व्याकुल होकर
प्रेम पराग की आस में,
बस तुम्हारे ही ख़्यालों के
मनमोहक फूल पर।


      #श्वेता


17 comments:

  1. Replies
    1. बहुत आभार आपका लोकेश जी

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  2. टकटकी, उनींदी,तुमसे बतियाने के लिए , लरजते जज्बात , तन्हाई में कसमसाती .....
    वाह शब्दों की अद्भुत छटा ! अब आगे क्या कहूँ!

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  3. जी,आपने सराहनीय शब्दों के लिए बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका विश्वमोहन जी।

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  4. प्रेमिका के मन के भावों को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त किया हैं आपने।

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    1. बहुत आभार आपका ज्योति जी।

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  5. लाजवाव

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    1. जी बहुत शुक्रिया आभार आपका।

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  6. दिल की गहराईयों को छूने वाली एक खूबसूरत, संवेदनशील और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति. आभार.

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    1. जी बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका संजय जी।
      बहुत धन्यवाद जी।

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  7. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२५-०१-२०२०) को शब्द-सृजन-८ 'पराग' (चर्चा अंक-३६१२) पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  8. बहुत ही सुंदर भावो से सजी ,हृदयस्पर्शी सृजन श्वेता जी ,सादर नमस्कार

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  9. बहुत ही सुन्दर खूबसूरत सृजन
    अद्भुत शब्दविन्यास से सजा
    वाह!!!

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  10. बहुत सुंदर!!
    गहरे अहसास लिए अभिनव रचना।
    सुंदर शब्दावली सुंदर गूंथन।
    प्यारी रचना।

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  11. एकांत में भावों के सागर में डूबना और प्रकृति के सानिध्य में अनुभूतियों के साथ स्मृतियों के उपवन में विचरते हुए किसी चित्र को जीवंत करना अद्भुत अनुभव है। सौम्य सुकोमल भावों से भरी मनमोहक रचना जो रसज्ञ पाठक को सुकून से भर देती है।

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  12. स्वप्न सरीखी सुंदर रचना। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया श्वेता जी ।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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