*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
बहुत शानदार हाइकू
उम्दा हाइकु ! बहुत बढ़िया
बहुत आभार शुक्रिया आपका ध्रुव जी।
बहुत बहुत शुक्रिया आपका लोकेश जी।
सुन्दर हाइकु -श्रृंखला।
बहुत बहुत आभार आपका रवीन्द्र जी।
सुंदर हायकू
जी बहुत आभार मीना जी।
आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है। शुक्रिया।
मैं नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता मेरा हृदयपरिवर...
बहुत शानदार हाइकू
ReplyDeleteउम्दा हाइकु ! बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत आभार शुक्रिया आपका ध्रुव जी।
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका लोकेश जी।
Deleteसुन्दर हाइकु -श्रृंखला।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका रवीन्द्र जी।
Deleteसुंदर हायकू
ReplyDeleteजी बहुत आभार मीना जी।
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