प्रसूति-विभाग के
भीतर-बाहर
साधारण-सा दृष्टिगोचर
असाधारण संसार
पीड़ा में कराहते
अनगिनत भावों से
बनते-बिगड़ते,
चेहरों की भीड़
ऊहापोह में बीतता
प्रत्येक क्षण
तरस-तरह की मशीनों के
गंभीर स्वर से बोझिल
वातावरण में फैली
स्पिरिट,फिनाइल की गंध
से सुस्त,शिथिल मन,
हरे,नीले परदों को
के उसपार कल्पना करती
उत्सुकता से ताकती
प्रतीक्षारत आँखें
आते-जाते
नर्स,वार्ड-बॉय,चिकित्सक
अजनबी लोगों के
खुशी-दुख और तटस्थता
में लिपटे चेहरों के
परतों में टोहती
जीवन के रहस्यों और
जटिलताओं को,
बर्फ जैसी उजली चादरों
पर लेटी अनमयस्क प्रसूता
अपनी भाव-भंगिमाओं को
सगे-संबंधियों की औपचारिक
भीड़ में बिसराने की कोशिश करती
अपनों की चिंता में स्वयं को
संयत करने का प्रयत्न करती,
प्रसुताओं की
नब्ज टटोलती
आधुनिक उपकरणों से
सुसज्जित
अस्पताल का कक्ष
मानो प्रकृति की प्रयोगशाला हो
जहाँ बोये गये
बीजों के प्रस्फुटन के समय
पीड़ा से कराहती
सृजनदात्रियों को
चुना जाता है
सृष्टि के सृजन के लिए,
कुछ पूर्ण,कुछ अपूर्ण
बीजों के अनदेखे भविष्य
के स्वप्न पोषित करती
जीवन के अनोखे
रंगों से परिचित करवाती
प्रसूताएँ.....,
प्रसूति-कक्ष
उलझी पहेलियों
अनुत्तरित प्रश्नों के
चक्रव्यूह में घूमती
जीवन और मृत्यु के
विविध स्वरूप से
सृष्टि के विराट रुप का
साक्षात्कार है।
#श्वेता सिन्हा
हस्ताक्षर पत्रिका के मार्च अंक में प्रकाशित।
https://www.hastaksher.com/rachna.php?id=2293
हस्ताक्षर पत्रिका के मार्च अंक में प्रकाशित।
https://www.hastaksher.com/rachna.php?id=2293
पुत्र जन्म पर अशेष शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसादर
आभार आदरणीया यशोदा दीदी जी
Deleteआपने यदि यहाँ श्वेता दीदी को बधाई ना दी होती तो ये शुभ समाचार हम तक तो पहुँचता ही ना।
आदरणीया श्वेता दीदी हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ और वो जो नन्हा से लला आपकी गोद में खेल रहे हैं उनको हमारा खूब स्नेह और आशीष 👐
नारायण अपनी कृपा दृष्टि सदा बनाए रखें 🙏
प्रिय आँचल,
Deleteमेरी छोटी बहन को माँ बनने का सौभाग्य मिला है।
तुम्हारी स्नेहिल निश्छल प्रतिक्रिया सदैव मन छू जाती है।
मेरा असीम स्नेहाशीष तुम्हारे लिये।
आंचल श्वेता की बहन को पुत्र हुआ है,और वो दो दिन से उनके साथ वहां(अस्पताल में) रही हैं, तो मनोमस्तिस्क पर वहां के वातावरण का सटीक दृश्य और खुद पर और प्रसुता पर कौन से भाव का को वर्णन किया हैं ।
Deleteउन्हें भांजे के जन्म की बधाई दो ।
मेरी और से अशेष बधाई और दोनों के स्वास्थ्य की शुभकामनाएं।
ओ अच्छा.....क्षमा करिएगा दीदी जी 🙏 मैं भी कितनी बुद्धू हूँ।
Deleteमौसी बनने का जो सुख आपको प्राप्त हुआ है उसके लिए ढेरों बधाई। छोटी दीदी जी और आपके नन्हे से भांजे पर नारायण और नारायणी अपना खूब आशीष लुटाए और स्वास्थ्य बनाए रखें।
आपके स्नेह आशीष हेतु हार्दिक आभार और आपका भी आभार आदरणीया कुसुम दीदी जी।
सादर नमन
मौसी यानि माँ सी ! 😊 बहरहाल, यशोदा जी के बधाई देने के अंदाज से तो हमें भी यही लगता। बधाई मौसीजी ! ईश्वर माँ बच्चे को स्वस्थ एवं खुशहाल रखे।
Deleteउफ्फ! आँचल, तुम भी न !
Deleteबहुत उम्दा सृजन
ReplyDeleteवाह आदरणीया दीदी जी वाह्ह्ह्ह बहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteसच....प्रसूति कक्ष प्रकृति की वो प्रयोगशाला है जहाँ जीवन जन्म लेता है।
अस्पताल का वो पल जब जीवन जन्म ले रहा होता है बेहद खूबसूरती से आपने प्रस्तुत किया है। कोटिशः नमन आपकी कलम को 🙏।
जीवन मरण की प्रयोगशाला ...
ReplyDeleteनारी भोगती है इस प्रयोगशाला के सारी/असत्य को ... जीवन देने की प्रक्रिया ... सृष्टि की प्रक्रिया से कम कहाँ ...
प्रभावी रचना ...
अति उत्तम सृजन स्वेता।
ReplyDeleteबेहतरीन सृजन
ReplyDeleteप्रसूति-कक्ष
ReplyDeleteउलझी पहेलियों
अनुत्तरित प्रश्नों के
चक्रव्यूह में घूमती
जीवन और मृत्यु के
विविध स्वरूप से
सृष्टि के विराट रुप का
साक्षात्कार है।
सृजनकर्ता माँ की बहुत ही सुंदर चित्रण सादर स्नेह एवं भांजे की ढेरो शुभकामनाएं
बहुत उम्दा रचना। गहन प्रभाव पड़ा है प्रसूति कक्ष वातावरण का। ये अभिव्यक्ति सब के बस की नहीं। स्नेह।
ReplyDeleteसच में, सृजन के विराट रूप का साक्षात्कार है, यह सृजन! बधासी!!!
ReplyDeleteबधाई!!!
ReplyDeleteसही है जिस कक्ष से जीवन लीला शुरू होती है वह सृष्टि का एक अंश है. इस सृष्टि में कोई आता है तो कोई जाता है.
ReplyDeleteसृजनदात्री ही पालनहारी है. आपकी रचना बाकमाल है.
अस्पताल में बीते पलों से उत्पन्न भावों को उचित शब्द दिए हैं.
मेरी नई पोस्ट पर स्वागत है आपका 👉🏼 ख़ुदा से आगे
मौसी जी को हार्दिक बधाई ....। और साथ ही आपकी बहन को भी ...।माता -पुत्र स्वस्थ होगें । ईश्वर सदा उनपर अपनी कृपा बनाए रखे । और आपके इतने खूबसूरत सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteप्रसूति कक्ष में प्रसूता और वहाँ के वातावरण का क्या खूबसूरत खाका खींचा है आपने एकदम हूबहू.....
ReplyDeleteकमाल का लेखन बहुत ही लाजवाब ...
बधाई माँ और माँसी को
हार्दिक शुभकामनाएं
जीवन और मौत से झूलती जननी के
ReplyDeleteउन अहम पलों का समेटती भावपूर्ण रचना श्वेता। सृष्टि में नव जीवन की आहटव के समय जननी के सर जीवन का खतरा मँडरा रहा होता है। अच्छा लिखा तुमने। नवजात शिशु की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें। 💐💐💐💐