तेरी निगाहों के नूर से दिल मेरा मगरूर था
भरम टूटा तो जाना ये दो पल का सुरूर था
परिंदा दिल का तेरी ख्वाहिश में मचलता रहा
नादां न समझ पाया कभी चाँद बहुत दूर था
एक ख्वाब मासूम सा पलकों से गिरकर टूट गया
अश्कों ने बताया ये बस मेरे दिल का फितूर था
चाहकर भी न मुस्कुरा सके वो दर्द इतना दे गये
जज़्बात हम सम्हाल पाते इतना भी न शऊर था
दिल की हर दुआ में बस उनकी खुशी की चाह की
इतनी शिद्दत से इबादत कर ली यही मेरा कुसूर था
#श्वेता🍁
भरम टूटा तो जाना ये दो पल का सुरूर था
परिंदा दिल का तेरी ख्वाहिश में मचलता रहा
नादां न समझ पाया कभी चाँद बहुत दूर था
एक ख्वाब मासूम सा पलकों से गिरकर टूट गया
अश्कों ने बताया ये बस मेरे दिल का फितूर था
चाहकर भी न मुस्कुरा सके वो दर्द इतना दे गये
जज़्बात हम सम्हाल पाते इतना भी न शऊर था
दिल की हर दुआ में बस उनकी खुशी की चाह की
इतनी शिद्दत से इबादत कर ली यही मेरा कुसूर था
#श्वेता🍁