ख़्वाहिश जैसे ही ख़्याल आपके।
आँखें पूछे लाखों सवाल आपके।।
अब तक खुशबू से महक रहे है,
फूल बन गये है रूमाल आपके।
सुरुर बन चढ़ गये जेहन के जीने,
काश कि न उतरे जमाल आपके।
कर गये घायल लफ़्ज़ों से छु्कर,
मन को भा रहे है कमाल आपके।
दिल की ज़िद है धड़कना छोड़ दे,
न हो जिस पल में ख़्याल आपके।
#श्वेता🍁
Wow. You are beautiful
ReplyDeleteकर गये घायल लफ्जो से छु्कर
ReplyDeletebeautiful lines sweta ji
keep up the good work !!
शुक्रिया आपका बहुत बहुत संजय जी।
Deleteआपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभार।।
ReplyDeleteदिल कि जिद है धड़कना छोड़ दे
न हो जिस पल में ख्याल आपके
जबरदस्त
शानदार
बहुत खूब
आखर, अन्तरा, अंदाज, आसमानी
ReplyDeleteआस, अहसास, अश्क़,अमन,अदावत
क़लाम क़लम के काविज कहाँ- कहाँ
रूह रँगरेज, रुबाईयां रोशन, रब्बानी राहत
पाकीज़ा पर परस्तिश परस्त कमल आपके
सुंदर रचना,
ReplyDeleteअब तक खुशबू से महक रहे है,
फूल बन गये है रूमाल आपके।
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ReplyDeleteSuno Jaana ________________________🌹🌹
Mai Akser Sochta Hoon
Wo Darjen Bhar Mahino Mai
Sada Mumtaaz Lagta Hai
November Kis Liye Aakhir
Humesha Khass Lagta Hai
Buht Sehmi Huii Subhaain
Udassi Se Bharri Shaamain
Dupher Roii Roii Si
Wo Raatain Khoi Khoi Si
Wo Thandi Thandi Hawao Ka
Wo Kam Roshan Ujaalo Ka
Kabhi Guzere Hawaalo Ka
Kabhi Mushkil Sawaalo Ka
Bichar Jaane Ki Mayoussi
Millan Ki Ass Lagta Hai
November iss Liye Shayed
Humesha Khass Lagta Hai __________🌹🌹
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🌹#akhil kumar___________🌹🌹
प्रिय श्वेता जी -- एक से बढ़कर एक शेरों से सजी रचना मन को रुहानी आनंद देती है ---------- सस्नेह
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