चुपके से उतरे दिल में हंसी लम्हात दे गये
पलकें अभी भी है भरी वो बरसात दे गये
भर लिए ख्वाब आँखों मे न पूछा तुमसे
चंद यादों के बदले दर्द की सौगात दे गये
एक नज़र प्यार की चाहत ज्यादा तो न थी
खामोश रहे तुम उलझे से ख्यालात दे गये
दिल मे गहरे चढ गये रंग तेरे एहसासों के
मिटाए से न मिटे महकते से जज़्बात दे गये
हसरते दिल की अधूरी है न पूरी होगी कभी
गर्म आहों में लिपटी तन्हा सर्द रात दे गये
#श्वेता🍁
पलकें अभी भी है भरी वो बरसात दे गये
भर लिए ख्वाब आँखों मे न पूछा तुमसे
चंद यादों के बदले दर्द की सौगात दे गये
एक नज़र प्यार की चाहत ज्यादा तो न थी
खामोश रहे तुम उलझे से ख्यालात दे गये
दिल मे गहरे चढ गये रंग तेरे एहसासों के
मिटाए से न मिटे महकते से जज़्बात दे गये
हसरते दिल की अधूरी है न पूरी होगी कभी
गर्म आहों में लिपटी तन्हा सर्द रात दे गये
#श्वेता🍁
बहुत ही खूब ग़ज़ल
ReplyDeleteबहुत आभार शुक्रिया आपका लोकेश जी।
Deleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर और प्रभावी
बधाई
जी आभार शुक्रिया आपका महोदय बहुत सारा।
Deleteसुंदर रचना.... आपकी लेखनी कि यही ख़ास बात है कि आप कि रचना बाँध लेती है
ReplyDeleteRecent Post शब्दों की मुस्कराहट पर...बारिश की वह बूँद:)
बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका संजय जी:)
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