*चित्र साभार गूगल*
तन्हाई में छा रही है उनकी याददेर तक तड़पा रही है उनकी याद
काश कि उनको एहसास होता
कितना सता रही है उनकी याद
एक कतरा धूप की आस में बैठी
मौन कपकपा रही है उनकी याद
रख लूँ लाख मशरूफ खुद को
जे़हन में छा रही है उनकी याद
साथ घूमने ख्वाब की गलियों में
बार बार ले जा रही है उनकी याद
रूला कर ज़ार ज़ार सौ बार देखो
बेशरम मुस्कुरा रही है उसकी याद
बना लूँ दिल भी पत्थर का मगर
मोम सा पिघला रही है उनकी याद
#श्वेता🍁