Thursday, 31 August 2017

क्षणिकाएँ

ख्वाहिशें
रक्तबीज सी
पनपती रहती है
जीवनभर,
मन अतृप्ति में कराहता
बिसूरता रहता है
अंतिम श्वास तक।

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मौन
ब्रह्मांड के कण कण
में निहित।
अभिव्यक्ति
होठों से कानों तक
सीमित नहीं,
अंतर्मन के
विचारों के चिरस्थायी शोर में
मौन कोई नहीं हो सकता है।

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दुख
मानव मन का
स्थायी निवासी है
रह रह कर सताता है
परिस्थितियों को
मनमुताबिक
न देखकर।

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बंधन
हृदय को जोड़ता
अदृश्य मर्यादा की डोर है।
प्रकृति के नियम को
संतुलित और संयमित
रखने के लिए।

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दर्पण
छलावा है
सिवाय स्वयं के
कोई नहीं जानता
अपने मन के
शीशे में उभरे
श्वेत श्याम मनोभावों को।

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श्वेता🍁



23 comments:

  1. बहुत सुंदर
    अन्तर्मन की व्यथा को सुंदर तरीके से उकेरा है आपने

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    1. अत्यंत आभार शुक्रिया आपका लोकेश जी।

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  2. शब्द और उनमें निहित भावनाओं का सम्प्रेषण, अदभुत।

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    1. आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए हृदय से अति आभार।

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  3. शब्द-दर-शब्द अद्भुत फ़लसफ़ा! अनिर्वचनीय!!!

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    1. जी,आपके सुंदर शब्दों से रचना के बारे में दी गयी प्रतिक्रिया अर्थपूर्ण है।अति आभार आपके उत्साह बढ़ाते शब्दों के लिए।

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  4. सुन्दर क्षणिकाएं ... चुटीली ... स्पष्ट अर्थ भाव लिए ...

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    1. अत्यंत आभार शुक्रिया आपका नासवा जी।

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  5. सभी क्षणिकाओं में भावों की स्पष्टता और जीवन दर्शन बहुत खूब है ------

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    1. अति आभार आपका तहेदिल से रेणु जी।

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  6. बेहद सुन्दर, सार्थक, क्षणिकाएं....
    वाह!!!

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    1. जी अत्यंत आभार तहेदिल से सुधा जी।

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  7. बहुत बहुत आभार दी आपका मेरी रचना को मान देने के लिए।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका सर।

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  9. संक्षेप में सारगर्भित बातें ! सबसे पहली विशेष अच्छी लगी ।

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    1. अति आभार आपका मीना जी,तहे दिल से शुक्रिया आपका नेह बना रहे।

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  10. ख्वाहिशों को
    खुद से पहले
    सुला देता हूँ
    हैरत,
    सुबह ये
    मुझसे पहले
    जाग जाती है..

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    1. वाह्ह्ह...सुंदर पंक्तियाँ दी👌
      आपकी प्रतिक्रिया पाना पुरस्कार पाने जैसा है।
      अति आभार आपका तहे दिल से दी।

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  11. सभी क्षणिकाएं एक से बढ़ कर एक है। सुंदर प्रस्तूती।

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका ज्योति जी।

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  12. सुन्दर!
    बिषयों को नए कलेवर में परिभाषित करती क्षणिकाऐं गागर में सागर की भांति हैं !
    स्पष्टता और प्रवाह के साथ भाव छलक रहे हैं।
    बधाई एवं शुभकामनाऐं।

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    1. आपकी सारगर्भित प्रतिक्रिया सदैव उत्साहित करती है,तहेदिल दिल अति आभार आपका रवींद्र जी।
      आपकी शुभकामनाएँ बनी रही यही कामना करते है।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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