चित्र साभार गूगल
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छू गया नज़र से वो मुझको जगमगा गया
बनके हसीन ख्वाब निगाहों में कोई छा गया
देर तलक साँझ की परछाई रही स्याह सी
चाँद देखो आज खुद ही मेरे छत पे आ गया
चुप बहुत उदास रही राह की वीरानियाँ
वो दीप प्रेम के लिए हर मोड़ को सजा गया
खिले लबों का राज़ क्या लोग पूछने लगे
धड़कनों के गीत वो सरगम कोई सुना गया
डरी डरी सी चाँदनी थी बादलों के शोर से
तोड़ कर के चाँद वो दामन में सब लगा गया
#श्वेता🍁
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छू गया नज़र से वो मुझको जगमगा गया
बनके हसीन ख्वाब निगाहों में कोई छा गया
देर तलक साँझ की परछाई रही स्याह सी
चाँद देखो आज खुद ही मेरे छत पे आ गया
चुप बहुत उदास रही राह की वीरानियाँ
वो दीप प्रेम के लिए हर मोड़ को सजा गया
खिले लबों का राज़ क्या लोग पूछने लगे
धड़कनों के गीत वो सरगम कोई सुना गया
डरी डरी सी चाँदनी थी बादलों के शोर से
तोड़ कर के चाँद वो दामन में सब लगा गया
#श्वेता🍁