सिवा ख़ुद के
कुछ भी न पाओगे
आँखों में मेरी
भरी पलकें
झुका लूँ मैं वरना
तुम रो दोगे
आदत बुरी
पाल ली है दिल ने
बातों की तेरी
उठी लहर
छू कर किनारे को
भिगो जायेगी
आरियाँ है या
हवाओं के हाथ है
तोड़ते पत्ते
कसमसाती
शाम की हर साँस
उदास लगी
बनाने लगी
छवि तेरी बदरी
कूची है तारे
नीम फुनगी
ठुड्डी टिकाकर के
ताके है चंदा
चाँदनी फीकी
या नम है बादल
आँखें ही जाने
आसमां ताल
तारों के फूल खिले
रात मुस्कायी
बिन तेरे है
ख़ामोश हर लम्हा
थमा हुआ सा
#श्वेता🍁
बेहतरीन
ReplyDeleteबिन तेरे है
ख़ामोश हर लम्हा
थमा हुआ सा
सादर
अति आभार दी:))
Deleteसादर।
बहुत बेहतरीन हाइकू
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका लोकेश जी।
Deleteवाह !
ReplyDeleteबहुत ख़ूब !
आपकी हाइकु-श्रृंखला में हरेक हाइकु एक-दूसरे का पूरक प्रतीत होता है और एक सम्पूर्ण अंतर्कथा का पल्लवन होता है।
बेहतरीन प्रस्तुति।
बधाई एवं शुभकामनाऐं।
जी आभार आपका रवींद्र जी।
Deleteआपके उत्साहवर्धन करते शब्दों के लिए हृदयतल से शुक्रिया बहुत सारा।
आदत बुरी
ReplyDeleteपाल ली है दिल ने
बातों की तेरी
-----------बहुत ही भावपूर्ण पंक्तियों से सजा हाइकू ------- नमन है आपकी कल्पना को !!!!! सादर सस्नेह बहना |
जी अति आभार आपका रेणु जी,आपकी मोहक
Deleteप्रतिक्रिया से मन आहृलादित हो जाता है।
हृदयतल से शुक्रिया बहुत सारा। सस्नेह बहना।
सादर।
बहुत शानदार मोहक हायकू। आप सब तरह की रचनाओं में दक्ष हैं। बहुत ख़ूब
ReplyDeleteजी अति आभार अमित जी,आप हमेशा सराहते है मेरी रचनाओं को,हृदयतल से आपका शुक्रिया खूब सारा।
Deleteबेहतरीन हाइकु श्वेता जी .
ReplyDeleteअति आभार मीना जी आपका।तहेदिल से शुक्रिया।
Deleteअति आभार आपका आदरणीय सर,मेरी रचना को मान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया आपका।
ReplyDeleteसादर।
सुन्दर !
ReplyDeleteअति आभार आपका,तहेदिल से शुक्रिया. ध्रुव जी।
Deleteप्रेम का इजहार कभी कभी यूँ भी होता है...
ReplyDeleteभरी पलकें
झुका लूँ मैं वरना
तुम रो दोगे
आदत बुरी
पाल ली है दिल ने
बातों की तेरी....बेहतरीन अंदाज !
सभी हाइकू सुंदर हैं । बधाई ।
बहुत बहुत आभार,तहेदिल से शुक्रिया मीना जी।सस्नेह।।
Deleteबहुत खूब सुन्दर हाइकू
ReplyDeleteअति आभार आपका रितु जी।तहेदिल से शुक्रिया खूब सारा।
Deleteआदत बुरी पाल ली है दिल ने..... बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका शकुंतला जी।
Delete"अपनी निश्छल भावनाओं को हाइकु के माध्यम से प्रस्तुत किया है। सुन्दर प्रस्तुति।"
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/10/39.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार आपका राकेश जी।तहेदिल से शुक्रिया बहुत सारा।
Deleteसुन्दर हाइकू
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार संजय जी।तहेदिल से शुक्रिया आपका।
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