सुनो सैनिक
तुम्हारे रक्त का चंदन
लगाकर मातृभूमि
शृंगार करती है।
कहानी शौर्य की
अविश्वसनीय वीरता की
गाथाएँ अचंभित,
सुनकर, पढ़कर, गर्वित होकर
श्रद्धानत वंदन
भीरू मन को भी
धधकता अंगार करती है।
तुम्हारे रक्त का चंदन
लगाकर मातृभूमि
शृंगार करती है।
कहानी शौर्य की
अविश्वसनीय वीरता की
गाथाएँ अचंभित,
सुनकर, पढ़कर, गर्वित होकर
श्रद्धानत वंदन
भीरू मन को भी
धधकता अंगार करती है।
सुनो सैनिक...!
हृदय में अपने
तिरंगा टाँकना,
रगो को देशभक्ति के
नमक से पाटना
माटी के लिए
तुम्हारा जीवन स्पंदन
तुम्हें बहुमूल्य,
मनुश्रेष्ठ हार करती है।
ओ सरहद के अडिग चट्टान
तुम्हारी छत्रछाया
अदृश्य वन नंदन,
तुम्हारी छत्रछाया
अदृश्य वन नंदन,
तुम्हारा बलिदान
तुम्हें सुवासित
हरसिंगार करती है।
तुम्हें सुवासित
हरसिंगार करती है।
तुम्हारे रक्त का चंदन
लगाकर मातृभूमि
शृंगार करती है।
लगाकर मातृभूमि
शृंगार करती है।
नमन बारंबार करती है।
#श्वेता सिन्हा
८ दिसम्बर२०२१
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