Sunday, 1 May 2022

मजदूर दिवस


चित्र: मनस्वी प्राजंल

सभ्यताओं की नींव के आधार
इतिहास के अज्ञात शिल्पकार,
चलो उनके लिए गीत गुनगुनाये
मजदूर दिवस सम्मान से मनाये। 

पसीने से विकास के बाग वो सींचते
मेहनत से राष्ट्र के पहियों को खींचते,
सपनों के आँगन में खुशियाँ है बोते
जागे हो वो तो हम बेफ्रिक्री में सोते,
उनके लिए मुस्कानों का हार बनाये
मजदूर दिवस सम्मान से मनाये ।

श्रम, बल संस्कृति के कारीगर,श्रमिक हैं
दृढ़,कर्मठ उन्नति-पथ के चरण क्रमिक हैं,
अवरोधों के सामने फौलाद बन डट जाते हैं
विपदा के बादल पलभर  में छँट जाते हैं
आओ उन्हें दुआओं की बारिश में भींगाये
मजदूर दिवस सम्मान से मनाये ।

जाति,धर्म,देश की सीमाओं से परे
चेहरे अलग,एक ही पहचान में गढ़े,
सुचारू दिनचर्या उनके साथ औ' विश्वास से
रंग भरते हमारे दैनिक जीवन के कैनवास में
आभार कहे, इन्हें गर्वोनुभूति कराये 
मजदूर दिवस सम्मान से मनाये|

--------
चित्र: मनस्वी प्राजंल
-----///-----
- श्वेता सिन्हा
१ मई २०२२

मैं से मोक्ष...बुद्ध

मैं  नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता  मेरा हृदयपरिवर...