गीतिका की छंद हूँ मैं
धरा गगन के मध्य फैली
एक क्षितिज निर्द्वन्द्व हूँ मैं
नभ के तारों में नहीं हूँ
ना चाँदनी का तन हूँ मैं
कमलनयन प्रियतम की मेरे
नयनों का उन्मन हूँ मैं
न ही तम में न मैं घन में
न मिलूँ मौसम के रंग में
पाषाण मोम बन के बहे
वो मीत कोमल मन हूँ मैं
जो छू ना पाये हिय तेरा
वो गीत बनकर क्या करूँ
चिर सुहागन प्रीति पथ में
अमिट रहे वो क्षण हूँ मैं
#श्वेता🍁
खूबसूरत पंक्तियाँ -
ReplyDeleteजो छू ना पाये हिय तेरा
वो गीत बनकर क्या करूँ
चिर सुहागन प्रीति पथ में
अमिट रहे वो क्षण हूँ मैं !
बहुत बहुत आभार आपका मीना जी।
Deleteआपकी त्वरित प्रतिक्रिया बहुत अच्छी लगी।
आपके स्नेह की सदैव आकांक्षी हूँ।
हृदयतल से शुक्रिया आपका।
कमलनयन प्रियतम की मेरे
ReplyDeleteनयनों का उन्मन हूँ मैं
चिर सुहागन प्रीति पथ में
अमिट रहे वो क्षण हूँ मैं--
हृदयस्पर्शी अनुराग से भरे भावों से सजी रचना --जिसमें कोई आपका हाथ नहीं पकड सकता -- प्रिय श्वेता बहन | मन छू गयी सुंदर रचना --- मेरा प्यार --
क्या कहूँ, निःशब्द हूँ मैं!!!
ReplyDeleteकोमल मन! प्रियतम की नयनों का उन्मन ।।।।
ReplyDeleteसुंदर रचना👌
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबेहतरीन
प्रस्तुति के प्रवाह में बह गई मै श्वेता!!
ReplyDeleteगीत के भाव में देखूँ तो हृदय की तृषा को संतृप्तकारी बहाव रससिक्त करता है. हृदय की पूर्णता को जितने आयाम मिले हैं, वे सभी सर्व समाही हैं
संभाव्य का सुन्दर चित्रण।
असाधारण अतुलनीय।
वाह!!!! शानदार।जानदार।लाजवाब
ReplyDeleteअतुलनीय, अप्रतिम। अतिसुन्दर भावों का दर्पण । मनमोहनी कविता ।
ReplyDeleteसादर
वाह!!अति सुंंदर भावों से युक्त ...मन मोह गई।
ReplyDeleteकोमल मन की नज़ाकत से परिपूर्ण मोहक अभिव्यक्ति. हृदयस्पर्शी सृजन की ख़ासियत है कि वह सबको अपना लगने लगता है और उसे महसूस किया जाने लगता है.
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनायें आदरणीया श्वेता जी....लिखते रहिये.
वाह!!!
ReplyDeleteदिल में उतर गए
आप के एक एक शब्द
लाजवाब भावाभिव्यक्ति श्वेता जी.
ReplyDeleteजो छू ना पाये हिय तेरा
ReplyDeleteवो गीत बनकर क्या करूँ
वाहवाह.....
कमाल की रचना...अद्भुत, अतुलनीय,अविस्मरणीय ....
लाजवाब...
वाह!!!!
न ही तम में न मैं घन में
ReplyDeleteन मिलूँ मौसम के रंग में
पाषाण मोम बन के बहे
वो मीत कोमल मन हूँ मैं।
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, स्वेता।
अति सुंंदर भावों से युक्त
ReplyDeleteAd Click Team
आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/02/55.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteअच्छी रचना
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन
सादर
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 18 फरवरी 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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