Sunday, 3 December 2017

मेरी मिसरी डली




सोनचिरई मेरी मिसरी डली 
बगिया की मेरी गुलाबी कली 

प्रथम प्रेम का अंकुर बन
जिस पल से तुम रक्त में घुली 
रोम-रोम, तन-मन की छाया
तुम धड़कन हो श्वास में ढली 

नन्ही नाजुक छुईमुई गु़ड़िया
छू कर रूई-फाहे-सी देह को,
डबडब भर आयी थी अँखियाँ 
स्पर्श हुई थी जब उंगलियां मेरी।

महका घर-आँगन का कोना
चहका मन का खाली उपवन,
चंदा तारे सूरज फीके हो गये
पवित्र पावन तुम ज्योत सी जली।

हँसना-बोलना, रूठना-रोना तेरा
राग-रंग, ताल-सप्तक झंकृत
हर रूप तुझमें ही आये नज़र
सतरंगी इंद्रधनुष तुम जीवन से भरी।

एक आह भी तुम्हारा दर्द भरा
नयनों का अश्रु बन बह जाता है
मौन तुम्हारा जग सूना कर जाता है
मेरी लाडो यही तेरी है जादूगरी

मैं मन्नत का धागा हूँ तेरे लिए
तुझमें समायी मैं बनके शिरा
न चुभ जाये काँटा भी पाँव कहीं
रब से चाहती हूँ मैं खुशियाँ तेरी

         #श्वेता🍁


38 comments:

  1. बेहतरीन कविता...
    सब कुछ समाहित है
    इसमें लाड़, दुलार
    सादर

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    1. बहुत बहुत आभार दी,आशीष बना रहे आपका।

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  2. प्रथम प्रेम का अंकुर बन
    जिस पल से तुम रक्त में घुली
    रोम-रोम, तन-मन की छाया
    तुम धड़कन हो श्वास में ढली ,,,ओ बाग की कली...

    असीम अनन्त शुभकामनाएँ लाडली को .... सरस्वती जिह्वा पर निवास हो, लाड़ दुलार में हो पली ।।।।। ओ लाडली.... ओ बाग की कली...

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    1. बहुत बहुत आभार तहेदिल से शुक्रिया आपका खूब सारा। आपके आशीर्वचन और शुभकामनाओं का साथ बना रहे सदैव।

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  3. आज गुलाब कली की ताजी महक सी आ रही है।
    मन खुश हुवा।
    बहुत कोमल पावन सुरभित रचना।
    शुभ रात्री।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका दी,आपका नेह आशीष बना रहे सदैव यही कांक्षा है।

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  4. बहुत ही प्यारी रचना
    वात्सल्य और ममता से भरी

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका लोकेश जी।

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  5. प्रेम और ममत्व से पगी
    मेरी लाडो मिसरी की डली....
    वाह!!!!
    बहुत ही लाजवाब रचना....
    माँ की ममता से ओतप्रोत

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका सुधा जी।स्नेह बनाये रखें।

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  6. बेहतरीन प्रस्तुति।
    मीठे शब्दों संग भीने भावों का प्रदर्शन।

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    1. बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया आपका अभि जी।

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  7. बिटिया को ढेरों आशीष!
    माँ तो एक ही भाषा जाने, वो है ममता की भाषा!
    मैं मन्नत का धागा हूँ तेरे लिए
    तुझमें समायी मैं बनके शिरा
    न चुभ जाये काँटा भी पाँव कहीं
    रब से चाहती हूँ मैं खुशियाँ तेरी !

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    1. बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया आपका मीना जी।
      आपके नेह से भीगे शब्द और आशीष मन आहृलादित कर गये।

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  8. दिल के सारे जज्बातो को कागज पर उकेर दिया, बहुत खूबसूरत लिखा आपने....बिटीया को ढेर सारी आशीष।

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    1. बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया अनु जी,आपका आशीष मिलता रहे बिटिया को। आपके नेह का साथ बना रहे।

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  9. प्रेम भरे जज्बात और बच्चे के प्रति मन के उमड़ते भाव जैसे तट तोड़ के बह निकले हैं ... एक माँ के मन से ही ऐसे पावस शब्दों का सृजन होता है ...

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    1. जी सही कहा आपने नासवा जी,माँ के लिए अपने बच्चे की सलामती से बढ़कर और कोई ऋचा नहीं होती।
      आभार आपका तहेदिल से शुक्रिया बहुत सारा।

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  10. ममतामयी बखान... सुंदर.

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    1. आदरणीय रंगराज सर आपका बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से शुक्रिया।

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  11. माँ की ममता से परिपूर्ण बहुत ही सुंदर रचना। मिसरी की डली को अनेकानेक शुभ आशीर्वाद।

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    1. बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से शुक्रिया आपका ज्योति जी। आपका आशीष बना रहे:)

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  12. बहुत सूंदर
    भावुक और मर्मस्पर्शी

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    1. बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया आपका नीतू जी।

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  13. प्रिय श्वेता जी -- कई दिनों के बाद नन्ही दुलारी बिटिया को समर्पित आपकी ये स्नेह पगी रचना पढ़ी | एक - एक शब्द एक माँ की ममता और वात्सल्य से भरा है और मन को छू रहा है | बिटिया को मेरी और से अनेकानेक शुभकामनाये और स्नेहाशीष | माँ बेटी में भिन्न क्या ? एक आत्मा के दो रूप है | मेरी कुछ पंक्तिया बिटिया को विशेष -----------------

    परी थी कोई आसमान की -
    मेरी दुनिया में आई है |
    तू मन की सफल दुआ -
    स्नेह की शीतल पुरवाई है |
    तेरे संग लौटा है
    भूला सा बचपन मेरा
    चहक उठा तेरी मुस्कान से
    ये सूना सा आँगन मेरा ;
    घर भर की रानी तू -
    कण कण में तू ही छाई है
    मैं तुझमे तू है मुझमे -
    बिटिया तू मेरी परछाई है !!!!!!!!
    सस्नेह बधाई और शुभ कामना ---------

    10:37 pm, December 04, 20

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    1. प्रिय रेणु जी,
      आपके स्नेह में भीगे शब्दों से गढ़ी रचना ने मेरी रचना की शोभा में चार चाँद लगा दिये है। बेहद सुंदर पंक्तियों का सृजन किया है आपने।
      बिटिया पर आपके असीम प्रेम और आशीष की अमृत वर्षा ने मुझे अभिभूत कर दिया।आपका बहुत बहुत आभार हृदयतल से नमन आपको कृपया अपना नेह बनाये रखिएगा सदैव।

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  14. वात्सल्य भाव से भरी सुन्दर रचना‎ .

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    1. बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से शुक्रिया आपका मीना जी।

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  15. कितनी सुन्दर पंक्तियां हैं....!

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    1. जी बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया आपका।

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  16. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 07-12-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2810 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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    1. बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से बेहद शुक्रिया आपका।

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  17. Replies
    1. बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया आपका सर।

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  18. ममता से परिपूर्ण प्रेम भरे जज्बात भरी मर्मस्पर्शी रचना....श्वेता जी

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  19. जब किसी कविता में ममता की भाषा घुल जाए तो उस पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए हर शब्द छोटा लगता है ... निशब्द करती कविता

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  20. बहुत सुंदर ! बहुत सुंदर प्रस्तुति ! बिटिया को ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ ।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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