Thursday, 13 June 2019

न वो नसीब मेरा


तन्हाई में जब उनकी याद सुगबुगाती है
धड़कनें खास अंदाज़ में सिहर जाती है

वो जो कह गये बातें आधी-अधूरी-सी
दिल की तह से टकराकर छनछनाती है

बाँट के ख़ुद को थोड़ा उसमें थोड़ा इसमें
उलझे धागों की गुत्थियाँ सुलझ जाती हैं

दर्द सहना,अश्क़ पीना,तड़पना हर पल
ज़िंदगी ताल में हक़ीकत के नग्में गाती है

वो पूछते हैं अक्सर मेरी उदासी का सबब
उनकी मासूमियत भी आजकल रुलाती है

न चाँद,न सितारा कोई,न वो नसीब मेरा 
जिनकी ख़्वाहिश में तमन्नाएँ मचल जाती है

#श्वेता सिन्हा

17 comments:

  1. व्वाहहहहह...
    बेमिसाल...
    न चाँद,न सितारा कोई,न वो नसीब मेरा
    जिनकी ख़्वाहिश में तमन्नाएँ मचल जाती है
    सादर..

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    1. दिल से बहुत आभारी हूँ दी...शुक्रिया सस्नेह।
      सादर।

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  2. अजीब कशमकश है ए जिंदगी तू भी कभी आंसू कभी आहें कभी शिकवा।
    उम्दा /बेहतरीन श्वेता ।

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  3. "बाँट के ख़ुद को थोड़ा उसमें थोड़ा इसमें
    उलझे धागों की गुत्थियाँ सुलझ जाती हैं...."
    ख़ुशनसीब होते हैं वो जिनकी किसी भी तरह गुत्थियां कम से कम सुलझ तो जाती है। कुछ लोग तो कोकून की तरह अपनी उलझनों के रेशमी धागे में उलझे रह जाते हैं..... उनका क्या !?
    तन्हाई का बेहद मार्मिक शब्द - चित्रण ....

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  4. न चाँद,न सितारा कोई,न वो नसीब मेरा
    जिनकी ख़्वाहिश में तमन्नाएँ मचल जाती है
    मर्मान्तक वेदना से उलझते मन की पीड़ा को दर्शाती अत्यंत मार्मिक अभियक्ति प्रिय श्वेता सभी पंक्तियाँ भावपूर्ण हैं | सस्नेह

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  5. भाव पूर्ण पंक्तियां

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  6. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15 -06-2019) को "पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक- 3367) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है

    ….
    अनीता सैनी

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  7. खुद को बाँट कर गुत्थियाँ सुलझ जाएँ तो जीवन आसन हो जाता है ...
    अच्छे शेर हैं ... कुछ गहरे, कुछ सादे ...

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  8. वाह श्वेता ! तुम्हारी छोटी सी ग़ज़ल में हिज्र की तड़प भी है, ताने भी हैं, शिकायतें भी हैं. ऐसी बातें किसी अदालत में मत कह देना वरना कोई मुंसिफ़ उस बेवफ़ा को शहर बदर करने का हुक्म सुना देगा.

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  9. सुन्दर रचना

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  10. बेहद खूबसूरत गज़ल👌👌

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  11. बेहतरीन ग़ज़ल

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  12. वो पूछते हैं अक्सर मेरी उदासी का सबब
    उनकी मासूमियत भी आजकल रुलाती है
    वाह!!!
    सीधे दिल को छूती लाजवाब गजल...
    बस लाजवाब....

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  13. सीधे दिल को छूती लाजवाब गजल...

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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